लव ट्रेंगल के वजह से हुई ट्रिपल मर्डर , पति की नक्सली हमले में मौत के बाद अनुकंपा पर सविता को मिली थी नौकरी…एसएसपी कार्यालय में ही चालक से बढ़ी थी नजदीकिया…

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जमशेदपुर :- पत‍ि की नक्‍सली हमले में मौत के बाद सव‍िता को पुल‍िस में अनुकंपा पर नौकरी मिली. समय के बाद जमशेदपुर एसएसपी कार्यालय में पोस्‍ट‍िंग हुई. यही चालक के रूप में कार्यरत रामचंद्र से नजदीक‍ियां बढ़ी. दोनों का दोस्‍ताना आगे बढ़ रहा था. इसी बीच सव‍िता की ज‍िंदगी में सुंदर की इंट्री हुई. यही से बना सुंदर, रामचंद्र और सव‍िता का प्रेम त्रिकोण ट्रिपल मर्डर की वजह बन गया. रामचंद्र सुंदर को रास्‍ते से हटाने की योजना बना रहा था, लेक‍िन 19 जुलाई की रात एकबारगी हालात कुछ ऐसे बन गए क‍ि रामचंद्र पहले सव‍िता, उसके बाद उसकी बेटी और फि‍र मां की हत्‍या कर बैठा. हत्‍या के बाद पुल‍िस को भरमाने के ल‍िए वह अनजान बनकर अपनी ड्यूटी पर लगा रहा. हालांकि, जांच की गाड़ी आगे बढ़ने के साथ वह पकड़ में आ गया. दरअसल साल 2015 में सविता की पोस्टिंग एसएसपी कार्यालय में हुई. यहां रहते हुए एक साल में ही सविता की दोस्ती रामचंद्र से हो गई. दोनों के बीच मधुर संबंध बने. यह संबंध अच्छा चल रहा था. यह जानते हुए की रामचंद्र शादीशुदा है सविता के परिजन भी इस रिश्ते से सहमत थे. वह कई बार सविता के घर पर भी रात गुजारता था. इसी बीच डेढ़ साल पहले सविता की पहचान बिष्टुपुर के मॉल में काम करने वाले सुंदर टुडू से हुई. सविता अब रामचंद्र को कम समय देने लगी और सुंदर से ज्यादा बाते करने लगी. दोनों लंबे समय तक फोन पर बाते करते. सुंदर सविता के घर भी आना-जाना करने लगा. इसकी जानकारी रामचंद्र को लग गई. पहले तो उसने सविता को समझाया पर मामला नहीं बनने पर उसने सुंदर की ही हत्या की योजना बना डाली. प्लानिंग करते हुए पहले उसने सविता के घर पर गियर लीवर (लोहे का रॉड) रख दिया. 19 जुलाई को रामचंद्र को भनक लगी की सुंदर सविता के घर आने वाला है. वह रात 9 बजे सविता के घर पहुंचा और सुंदर का इंतेजार करने लगा पर किसी कारणवश सुंदर नहीं आया. इसी बीच एक कमरे में सविता और रामचंद्र के बीच सुंदर को लेकर विवाद शुरू हो गया. आवेश में आकर सुंदर ने सविता पर रॉड से वार कर दिया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. चीख सुनकर बगल के कमरे में सोई सविता की बेटी गीता अपनी मां के कमरे में पहुंची तो शव को देख वह भी चीख उठी. इसी बीच रामचंद्र ने उसपर भी रॉड से हमला कर दिया. गीता की हत्या करने के तुरंत बाद उसने सविता की मां को भी मार डाला. घटना को अंजाम देने के बाद वह देर रात ही कमरे से बाहर निकला और ताला लगाकर चाबी अपने साथ ले गया. उसने साथ में घटना में प्रयुक्त रॉड भी लिया और रास्ते में फेंक दिया.

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दूसरे दिन काम पर लौटा

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घटना को अंजाम देने के बाद रामचंद्र रात भर बाहर ही रहा और दूसरे दिन काम पर वापस लौट गया. 21 जुलाई को पड़ोसियों ने वरीय अधिकारियों को सूचना दी कि कमरे से बदबू आ रही है. जिसके बाद कमरे का ताला तोड़कर शव को बाहर निकाला गया. जब पुलिस को इसकी सूचना मिली तब रामचंद्र घटना पर मौजूद नहीं था. हालांकि सूचना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने उसे घर से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने हत्या की बात कबूल की.

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