आदिवासी उरांव सरहुल पूजा समिति ने निकाली भव्य शोभायात्रा

0
Advertisements
Advertisements

चाईबासा: आज प्राकृतिक का महापर्व सरहुल पूरे झारखंड सहित चाईबासा में भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसी क्रम में आज आदिवासी उरांव सरहुल पूजा समिति की ओर से 24वां सरहुल पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हर वर्ष की भांति भव्य शोभा यात्रा पूरे शहर के मुख्य मार्ग से गुजरती हुई पुनः मेरी टोला पहुंची। आज के इस शोभा यात्रा के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दीपक बिरूवा मंत्री अ. ज. जा. कल्याण एवं परिवहन विभाग झारखंड सरकार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में गीता कोड़ा सांसद सिंहभूम लोकसभा, पूर्व मंत्री बडकुंवर गागराई, पूर्व नगर पर्षद अध्यक्ष गीता बालमुचू, पश्चिम सिंहभूम चेंबर अध्यक्ष राजकुमार ओझा, चाईबासा चेंबर के पूर्व अध्यक्ष नितिन प्रकाश, बाल विकास आयुक्त के सदस्य विकास दोदराजका, सृष्टि चाईबासा के संस्थापक सह अध्यक्ष प्रकाश कुमार गुप्ता, झामुमो के जिला सचिव सोनाराम देवगम, आदिवासी उरांव समाज संघ चाईबासा के क्षेत्रीय कमेटी के अध्यक्ष संचू तिर्की क्षेत्रीय कमेटी के सचिव अनिल लकड़ा, समिति के पूर्व सचिव डोमा मिंज, सहित विभिन्न राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी गणों के साथ समाजसेवी उपस्थित हुए।

Advertisements
Advertisements

उपस्थित अतिथियों को प्राकृतिक फूल देकर, बेज लगाकर एवं हरा पगड़ी बनाकर स्वागत किया गया। मौके पर समिति के अध्यक्ष नवल कच्छप ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि आदिवासी उरांव सरहुल पूजा समिति का गठन 2000 में हुई थी उसे वक्त अध्यक्ष के रूप में नवल कच्छप ही थे, सचिव भरत भूषण कुजूर थे, और उनके नेतृत्व में यह प्रथम बार बहुत ही सीमित संख्या में चाईबासा के कुल 7 अखाड़े में से सिर्फ तीन अखाड़ा ही उसे शोभा यात्रा में शामिल हुए थे, लेकिन आज यह कारवा बढ़ता बढ़ता आज 24 वर्ष मनाया जा रहा है। इसमें आज चाईबासा के कुल सातों अखाड़ा मिलकर मेरी टोला चौक से आरंभ किया जाने वाला यह सरहुल की शोभा यात्रा में भारी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं। आज भी काफी भीड़ भर देखा गया। आज के इस भव्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मंत्री दीपक बिरूवा व विशिष्ट अतिथि सांसद गीता कोड़ा ने प्रकृति की गुणगान करते हुए कहा कि प्रकृति ही हम आदिवासी भाई बांधों की जननी है, हमारी पहचान है। इसे सजाये, संवारे रखना, हमारा कर्तव्य बनता है।

See also  गिरिडीह: 1 लाख का इनामी नक्सली गिरफ्तार, शहीद सप्ताह में दहशत फैलाने की थी योजना...

बिरुवा ने कहा कि विगत दोनों कोरोना कल में जिस तरह से हम लोग परेशान थे, इसका एकमात्र कारण यह भी है कि हम प्रकृति के साथ में छेड़छाड़ किए हैं, शायद इसकी भी संभावना हो सकती है। विशिष्ट अतिथि सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि हम आदिवासियों की पहचान और मान सम्मान इस प्रकृति से जुड़ा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रकृति से ही हमें सारी व्यवस्था मिलती है, और जिस तरह से लोग आज प्रकृति के साथ में छेड़छाड़ कर रहे हैं, सचमुच हम मानव के लिए बहुत ही घातक हो सकता है। आज के इस कार्यक्रम के माध्यम से और इस उत्सव का संदेश यही है कि हम प्रकृति को बचाएं। आज के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आदिवासी उरांव सरहुल पूजा समिति के सचिव सह बान टोला के मुखिया “ब्लडमेन” लालू कुजूर, उपाध्यक्ष राजू तिग्गा, सीताराम मुंडा, शंभू टोप्पो, शांति कुजूर, लक्ष्मी कच्छप, लक्ष्मी बरहा, बाबूलाल बरहा, खुदिया कुजूर सहित सातों अखाड़ा के मुखिया सहित पदाधिकारी, सदस्यों का अहम भूमिका रहा।

Thanks for your Feedback!

You may have missed