वर्मी कंपोस्ट उत्पादन तकनीक पर दिया गया प्रशिक्षण
बिक्रमगंज/रोहतास (संवाददाता ):– कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज रोहतास में जीविका संझौली के 14 वीआरपी , प्रसार कार्यकर्ता एवं रावे के 15 छात्रों को वर्मी कंपोस्ट उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण कार्य प्रारंभ किया गया । कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज के वैज्ञानिक डॉ रामा कांत सिंह ने वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के लिए विभिन्न सावधानियों एवं उत्पादन तकनीक पर वीडियो, प्रैक्टिकल एवं क्लास के माध्यम से प्रशिक्षित किया । साथ ही बताया कि यदि छायादार स्थान पर गोबर में 40% तक फसल अवशेष मिलाकर 20 दिन बाद वर्मी कंपोस्ट यूनिट में डालकर केंचुए के माध्यम से अगर वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाए तो आज की भूमि के लिए और रसायनों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए एक जीवंत परिणाम सामने आएगा । जिससे जैविक खेती के मुहिम को आगे बढ़ाया जा सकता है । जल जीवन हरियाली के तकनीकी सहायक वर्षा कुमारी में किसानों के वर्मी कंपोस्ट उत्पादन से लाभ एवं उसके उपयोग से फसलों पर पड़ने वाले सुप्रभाव के बारे में जानकारी दी । हरेंद्र कुमार ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर द्वारा तैयार किए हुए वर्मी कंपोस्ट उत्पादन तकनीकी पर वीडियो दिखाया और जीविका के वीआरपी से वर्मी कंपोस्ट उत्पादन कराने हेतु किसानों को प्रोत्साहित करने की बात कही । इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के अभिषेक कुमार, प्रवीण कुमार पटेल, सुवेश कुमार सहित वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय डुमरांव के रावे छात्र उपस्थित रहे ।