कल की जाएगी देवताओं के शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा, जाने शुभ मुहूर्त.
मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा पहले वास्तुकार और इंजीनियर हैं. इन्होंने स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था. उन्होंने इस संसार की रचना में ब्रह्मा जी की मदद की थी. इस संसार का मानचित्र तैयार किया था.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, व्यापार में तरक्की और उन्नति होती है, जो भी कार्य प्रारंभ किए जाते हैं, वे पूरे होते हैं. भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है. हर वर्ष की तरह इस बार भी विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शुक्रवार को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा की जाएगी. विश्वकर्मा पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06 बजकर 07 मिनट से अगले दिन 10 सितंबर को प्रात: 03 बजकर 36 मिनट तक बना रहेगा.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष विश्वकर्मा पूजा सूर्य की कन्या संक्रांति पर की जाती है. इस वर्ष 17 सितंबर की रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य की कन्या संक्रांति का क्षण है. इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है. राहुकाल को छोड़कर आप विश्वकर्मा पूजा करें. हालांकि सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, तो आप इस समय से पूजा कर सकते हैं.