टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) और झारखंड सरकार ने औद्योगिक उन्नति का किया मार्ग प्रशस्त
रांची: टाटा स्टील की यूनिट, दि टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) ने झारखंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके झारखंड के आर्थिक विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।
झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के माध्यम से रोजगार सृजन पर राज्य द्वारा दिए जा रहे जोर के अनुरूप, टीसीआईएल के प्रबंध निदेशक आरएन मूर्ति और उद्योग सचिव श्री जितेंद्र कुमार सिंह, आईएएस, झारखण्ड सरकार के बीच रांची में एक कार्यक्रम में आधिकारिक तौर पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
यह ऐतिहासिक एमओयू लगभग 1,787 करोड़ रुपये के निवेश द्वारा समर्थित है, जो जमशेदपुर में अत्याधुनिक 300,000 टन प्रति वर्ष (टीपीए) मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की स्थापना का सूचक है। 2026 में कमिशिंग के लिए तैयार, इस विस्तारीकरण परियोजना से 600 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है। अत्याधुनिक सुविधा न केवल उन्नत प्रौद्योगिकी और ऑटोमेशन के साथ टिनप्लेट की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
टीसीआईएल के प्रबंध निदेशक आर एन मूर्ति ने जमशेदपुर और झारखंड के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कंपनी के समर्पण पर जोर देते हुए विस्तारीकरण पर गर्व प्रकट किया।
मूर्ति ने कहा, “हम रोजगार सृजन, राजस्व में वृद्धि और स्थानीय कार्यबल के लिए कौशल विकास के अवसरों सहित आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार और स्थानीय समुदायों के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए हम झारखंड सरकार के आभारी हैं।”
टीसीआईएल की प्रमुख उत्पाद पेशकश, टिनप्लेट और टिन फ्री स्टील, कई उद्योगों के लिए बहुमुखी पैकेजिंग सब्सट्रेट के रूप में काम करती हैं। खाद्य तेल, पेंट तथा कीटनाशक, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, बैटरी तथा एरोसोल और बोतल क्राउन निर्माताओं जैसे विविध क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करते हुए, टीसीआईएल भारत के घरेलू टिनप्लेट बाजार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वर्तमान में इसकी बाजार हिस्सेदारी 45% से अधिक है।
इसके अतिरिक्त, टीसीआईएल की लगभग 25% बिक्री दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप के चुनिंदा क्षेत्रों में इसकी वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाती है। 1920 में स्थापित, टीसीआईएल निरंतर विकास और पर्यावरणीय प्रबंधन के लिए टाटा स्टील के विज़न के साथ अपनी विकास रणनीति को संरेखित करते हुए विकसित हो रही है।