झारखंड के कई जगहों में 15,000 से अधिक ऐसे गांव हैं जहां लोगों के पास कोई खतियान नहीं है- पूर्व डीआईजी

0
Advertisements

जमशेदपुर: हेमंत सोरेन सरकार द्वारा 1932 के खतियान के आधार पर मूलवासी की घोषणा पर कोल्हान के पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने कहा की सरकार इस पर विचार करें. झारखंड के कई जगहों में 15,000 से अधिक ऐसे गांव हैं जहां लोगों के पास कोई खतियान नहीं है, ऐसे में क्या वे लोग यहां के वासी नहीं है. राजीव रंजन सिंह ने रविवार को जमशेदपुर सर्किट हाउस में कहा एसएसपी (ग्रामीण) तथा कोल्हान डीआईजी कार्यालय के दौरान उन्होंने कई जंगलों में रहने वाले लोगों से मुलाकात की जिस का घर है, लेकिन खतियान नहीं है. ऐसे में वे कहां जाएंगे 1932 के खतियान का मामला काफी संवेदनशील है. 1947 से पहले झारखंड के जंगलों पर राजाओं का राज था, जंगल में रहने वालों का सर्वे सेटलमेंट नहीं हुआ उनके पास खतियान नहीं है सरकार ने वर्ष 2006 में अधिनियम लागू किया और लोगों को इसका लाभ मिलना शुरू हुआ अभी जंगल में बहुत से लोग हैं जिनको पता नहीं मिला और खतियान भी नहीं है.

Advertisements
See also  आदित्यपुर : एनआईटी जमशेदपुर में एनएसएस का तीन दिवसीय सस्टेनेबल डेवलपमेंट कार्यक्रम का हुआ समापन, मुख्य वक्ता ने कहा अगर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता रहा तो 2050 तक 10 लाख प्रजातियाँ विलुप्त हो जाएंगी

Thanks for your Feedback!

You may have missed