परसुडीह के सोपोडेरा राजकीय मध्य विद्यालय की जमीन विवादों के घेरे में
जमशेदपुर: राजकीय मध्य विद्यालय सोपोडेरा जमशेदपुर की जमीन का विवाद होने की जानकारी पर सोपोडेरा समाजसेवी राम सिंह मुंडा के नेतृत्व में अंचल अधिकारी मनोज कुमार से मिले और एक ग्रामीण हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा. मौजा कालीमाटी, खाता नंबर 360, प्लॉट नंबर 1482 थाना नंबर, 1163 में राजकीय मध्य विद्यालय सोपोडेरा अवस्थित है.
वर्ष 1955 में स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा, शोभा देवी, पति स्वर्गीय बांसरोपण सिंह, (निसंतान जिसका कोई पुत्र एवं पुत्री नहीं हैं), पता– गोलमुरी जमशेदपुर के द्वारा मौखिक रूप से दी गई जमीन पर, स्थानीय बच्चों की पढ़ाई हेतु ग्राम के बड़े बुजुर्गों के द्वारा, विद्यालय स्थापित किया गया था. शोभा देवी द्वारा मौखिक रूप से दान करने के कारण, इस विद्यालय का जमीन का कोई लिखित दस्तावेज ग्रामीणों के पास उपलब्ध नहीं है.
विद्यालय पर 1 से 4 तक की पढ़ाई सरकारी शिक्षकों के द्वारा प्रारंभ किया गया था. जो पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय सोपोडेरा के नाम से जाना जाता था.
बाद में स्थानीय ग्रामीणों के आग्रह पर शिक्षा विभाग ने इस विद्यालय में वर्ग 1 से 8 तक की पढ़ाई प्रारंभ किया,
इस विद्यालय में भवन की कमी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय ग्रामीणों के आग्रह पर स्थानीय टाटा मोटर्स, टेल्को कंपनी के द्वारा वर्ष 1990 में दो कमरा का भवन बनाया गया था
इसी तरह ,जिला शिक्षा विभाग के द्वारा सरकारी राशि से, विद्यालय परिसर का चारदीवारी , दूसरा भवन 1995 में, तीसरा भवन 2008 में, चौथा भवन 2014-15 में, पांचवा भवन 2020-21 में, साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र संचालन के लिए भवन 2003 में निर्माण कराया गया, जिस पर शौचालय 2015 स्टोर रूम किचन रूम आदि का निर्माण कराया गया है.
खाता नंबर 360 प्लॉट नंबर 1483 में 1955 से स्थापित राजकीय मध्य विद्यालय सोपोडेरा जमशेदपुर में, विद्यार्थियों की संख्या भी अच्छी खासी रहती है, एवं पढ़ाई भी अच्छी होती है, इस क्षेत्र में, मध्यम वर्ग,गरीब मजदूर वर्ग, के लोगों की संख्या अधिक होने के कारण सरकारी विद्यालय में ही अधिकतर बच्चे पढ़ते हैं. जिससे स्थानीय लोगों को भी काफी सुविधा होती है। ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल के द्वारा अंचल अधिकारी से आग्रह करते हुए कहा गया कि राजकीय मध्य विद्यालय सोपोडेरा जमशेदपुर को स्थानीय ग्रामीण एवं स्थानीय विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, उसी स्थान पर रहने दिया जाए. प्रतिनिधिमंडल में श्री राम सिंह मुंडा प्रकाश सांडिल, बबलू करुआ जुझार सामद, रूद्र मुंडा, धन सिंह मुंडा, राममुखी आदि शामिल थे.