एनसीएलटी कोलकाता में माननीय सदस्यों बलराज जोशी और रोहित कपूर के बेंच में इंकैब मामले की सुनवाई हुई

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कोलकाता (संवाददाता ):– दिनांक 12.09.2022 को एनसीएलटी कोलकाता में माननीय सदस्यों बलराज जोशी और रोहित कपूर के बेंच में इंकैब मामले की सुनवाई हुई। माननीय बेंच ने वेदान्ता के रिज्योल्युशन प्लान पर सुनवाई शुरू की।आरपी पंकज टिबरेवाल के अधिवक्ता ने आज सुनवाई के दौरान यह कहा कि वेदांता द्वारा ₹545 करोड़ का रेजोल्यूशन प्लान दिया गया है जो पहले सिर्फ ₹110 करोड़ का था। उन्होंने माननीय बेंच को बताया कि इस रिजोल्यूशन प्लान को कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने 99% वोट के साथ अनुमोदित किया है। आरपी के अधिवक्ता ने यह भी कहा कि वेदांता बड़ा नाम है और हम ₹545 करोड़ दे रहे हैं जिसमें मजदूरों का ₹15 करोड़ शामिल है। हम कंपनी को पुनर्जीवित करेंगे जिससे बहुत लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा। अतः माननीय बेंच इंकैब के अधिग्रहण का आदेश पारित करे और मजदूरों के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव के लिए भी निर्देश जारी करें ताकि लगभग तीन हजार मजदूरों जो इंकैब कंपनी की कॉलोनी पर कब्जा कर रह रहे हैं उन्हें वहाँ से बेदखल किया जा सके। माननीय बेंच ने यह पूछा कि मजदूरों का दावा कितना है इस पर मजदूरों के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि उनका दावा ₹254 करोड़ का है जिसमें आरपी ने मनमाने ढंग से ₹187 करोड़ स्वीकृत किया है और इस रिजोल्यूशन प्लान में मजदूरों के लिए मात्र ₹15 करोड़ की व्यवस्था है।

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भगवती सिंह ने बताया कि आईआरपी पंकज टिबरेवाल ने टाटा के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर इंकैब की अपनी ही 177 एकड़ जमीन को तथाकथित लीज मानकर टाटा को एक आवेदन देकर तथाकथित लीज का नवीनीकरण करने को कहा। टाटा द्वारा तथाकथित रूप से मना करने पर पंकज टिबरेवाल ने माननीय एनसीएलटी में एक फर्जी आवेदन लगा कर प्रार्थना की कि टाटा को माननीय एनसीएलटी निर्देश दे किक वह तथाकथित लीज का नवीनीकरण करे। पंकज टिबरेवाल के इस फर्जीवाड़े के चलते टाटा को एनसीएलटी में यह दावा करने का आधार बन गया कि उसने इंकैब को 177 एकड़ जमीन लीज पर दी है। इंकैब के 177 एकड़ जमीन के मामले में अखिलेश श्रीवास्तव ने अपना पक्ष रखते हुए न्याय निर्णायक अधिकारी, एनसीएलटी, कोलकाता को बताया कि एनसीएलटी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर इंकैब कीक जमीन को अपने 7.2.2020 के आदेश द्वारा टाटा स्टील का लीज घोषित कर दिया था। वह आदेश माननीय एनसीएलएटी ने अपने 4.6.2021 के आदेश से रद्द कर दिया जिस पर सुप्रीम कोर्ट मुहर लगा चुकी है। इस मसले पर एक रिट भी दाखिल किया गया है माननीय रांची उच्च न्यायालय में। भगवती सिंह ने यह आरोप लगाया कि पंकज टिबरेवाल टाटा, रमेश घमंडीराम गोवानी और वेंदांता जैसी महाभ्रष्ट और बेईमान कंपनी के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहा है और कोशिश कर रहा है कि मजदूरों का पक्ष न सुना जाय।ज्ञातव्य है कि माननीय एनसीएलएटी ने झारखंड उच्च न्यायालय में दायर वाद संख्या सीएमपी 187/2020 को ध्यान में रखकर इंकैब की जमीन के मामले में कोई व्यवस्था नहीं दी है।

समयाभाव के कारण आर पी के रिजोल्यूशन प्लान वाले आवेदन पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।

माननीय बेंच ने यह दुहराया की कि वह सबसे पहले रिजोल्यूशन प्लान को सुनेगी और कोई भी आदेश पारित करने से पहले पिटीशन और बाकी तमाम आवेदनों को माननीय एनसीएलएटी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के आलोक में सुनेगी।सभी अन्य आवेदनों जिसमें भगवती सिंह के कई आवेदन भी शामिल है की अगली सुनवाई के लिए 21.10.22 की तारीख मुकर्रर की।कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया।

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