रामकृष्णा फोर्जिंग के शक्ति पदों सेनापति ने पुलिसकर्मियों के वर्दी का कॉलर पकडा, बदसलूकी की, फाइन बुक फेंका, लेकिन पुलिस के लाख चाहने के बाद भी गिरफ्तारी से दूर या कुछ और ?
सरायकेला (ए के मिश्रा):- सरायकेला खरसावां जिले के टाटा कांड्रा टोल पर घटित 28 अप्रैल 2022 की यातायात पदाधिकारी , कर्मियों के साथ वर्दी का कालर पकड़कर हुई बदसलूकी फाइन बुक छीन कर फेंकना , सरकारी काम में बाधा डालना, प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद भी अभी तक शक्ति पदों सेनापति की गिरफ्तारी नहीं होना पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है ।
रामकृष्ण फोर्जिंग के सेनापति ने पुलिस प्रशासन और पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की, गाली गलौज, सरकारी काम में बाधा डालकर गुंडों की तरह व्यवहार किया l पहुंच और पैसे की बल पर प्रशासन को भी आंखें दिखाई। इसके बावजूद भी घंटों, दिनों बीत गए ।लेकिन अब तक प्रशासन लकीर पर मात्र डंडा पीटकर संतावना देने की कार्य कर रही है। सेनापति का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे मारपीट करने, अभद्र भाषा का प्रयोग करने, पुलिस से उलझने और फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर्स का कैमरा छीनकर साक्ष्य मिटाने हेतु फोटो और वीडियो फुटेज जबरन डिलीट करने से भी नहीं हिचकिचा रहे हैं। रामकृष्णा फोर्जिंग के सीपीओ शक्तिपदो सेनापति ने न सिर्फ अपनी पहुंच पैसे की ताकत के बल पर पुलिस के साथ बदसलूकी की बल्कि घटना की वीडियोग्राफी कर रहे आज तक के मनीष कुमार और दूरदर्शन के अनूप मिश्रा पत्रकार के साथ बदसलूकी और हाथापायी करते हुए दोनों पत्रकारो का कैमरा छीनकर तोड़ दिए और वीडियो फुटेज को भी साक्ष्य मिटाने हेतु डिलीट कर गया।
कांड्रा थाना में दर्ज कराई गई शिकायत में आजतक के पत्रकार गम्हरिया निवासी मनीष कुमार लाल दास ने कहा है कि वे अपने साथी पत्रकार दूरदर्शन के अनूप मिश्रा के साथ दोपहर करीब साढ़े तीन बजे कांड्रा टोल प्लाजा के पास पहुंचे तो देखा कि यातायात पुलिस उल्लंघन से संबंधित कार्यवाही करने हेतु पूछताछ की जा रही थी। इसे देख वे दोनों रुक गए और देखा कि वाहन चालक उग्र होकर यातायत पुलिस के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाड़ी रोकने का विरोध कर रहा था। यह देख दोनों पत्रकार मनीष और अनूप घटना की वीडियो रिकार्डिंग करने लगे।
इसी बीच गाड़ी के चालक ने उनके साथ धक्का मुक्की शुरू कर दी और दोनों का मोबाइल और कैमरा छीनकर वीडियो और फोटो डिलीट कर कैमरा को क्षत्तिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं उसने दोनों पत्रकारों को बुरा अंजाम भुगतने एवं यातायात पदाधिकारी कर्मियों को देख लेने की धमकी भी दिया गया। यातायात पदाधिकारी कर्मियों द्वारा सरकारी काम में बाधा, फाइन बुक छीन कर फेंकना ,वर्दी का कॉलर पकड़ कर खींचने संबंधित एवं पत्रकारों द्वारा कैमरा तोड़ना साक्ष्य मिटाने के ख्याल से फुटेज को डिलीट करने की शिकायत करने के बाद भी अभी तक प्रशासन गिरफ्तार करने में शक्ति पदों सेनापति का विफल नजर आ रही है। गिरफ्तारी में विलंब होने से जहां पुलिसकर्मियों और पत्रकारों में आक्रोश है। वहीं अब आम जनता में भी धीरे-धीरे यह चर्चा होने लगी है कि जब पुलिस वाले के साथ धक्का-मुक्की उनकी वर्दी पकड़कर खींचा गया फाइन बुक फेंका गया और पत्रकारों के कैमरे तोड़े गए और गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है तो आम जनता के साथ होने पर क्या होगा? वहीं इस पूरे मामले पर कांड्रा थाना प्रभारी राजन कुमार द्वारा बताया गया कि हर हाल में गिरफ्तार किया होगा, लगे हुए हैं। वहीं पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक रंजन चौधरी ने इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए कहां , कि साहब खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस बिंदु पर हम कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते। वहीं इस पूरे मामले में संवाददाता ने डीजीपी से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया परंतु समाचार लिखे जाने तक संपर्क नहीं हो पाया। देखना अब यह है कि प्रशासन कब तक पैसे,पहुच और पैरवी रखने वाले सेनापति को गिरफ्तार करती है, या यूं ही लोगों के बीच जो चर्चा बना है।’या कुछ और’ बरकरार रहेगा ।