टीबी का इलाज संभव पर जागरूकता की कमी : डॉ माधवी

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बिक्रमगंज(रोहतास): हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर घुसियां कला में टीबी जागरूकता एवं स्क्रीनिंग स्वास्थ्य मेला आयोजन किया गया । इस मेले में उच्च जोखिम वाले समूह वर्षों से टीबी से पीड़ित रोगी, खांसी-दमा के पुराने रोगी, कुपोषित बच्चे,गर्भवती महिलाएं एवं कोविड-19 संक्रमित पीड़ित व्यक्तियों की विशेष स्क्रीनिंग के साथ-साथ जागरूकता एवं बचाव के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया । सेंटर प्रभारी डॉ माधवी कुमारी ने बताया कि 2 सप्ताह से अधिक खांसी, शाम के समय बुखार आना,वजन में कमी,भूख न लगना,शरीर में कंपन जैसे लक्षण आने पर स्वास्थ्य केंद्र में टीबी की जांच करानी चाहिए । टीबी ट्यूबरकुलोसिस, यक्ष्मा, तपेदिक या क्षयरोग एक बैक्टीरिया संक्रामक रोग होता है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है । इसके उपचार में एंटीबायोटिक दवाओं के कोर्स शामिल हैं । इसका उपचार अक्सर सफल ही होता है, लेकिन इसके उपचार में 6-9 महीने लग सकते हैं और कुछ स्थितियों में 2 साल तक का समय भी लग सकता है । उन्होंने कहा कि टीबी के संक्रमण हो जाने के बाद दवाइयों के साथ संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी होता है । स्वास्थ्य मेला में स्थानीय ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी रही । मौके पर वैलनेस केंद्र प्रभारी डॉ माधवी कुमारी, टीबी उपचार पर्यवेक्षक नंदलाल, कुश कुमार, एएनएम एवं आशा वर्कर सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे ।

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