टाटा स्टील और इंडो-जर्मन साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (आईजीएसटीसी) ने वैज्ञानिक सहयोग साझेदारी के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Advertisements
Advertisements

नई दिल्ली (संवाददाता ):- 23 मार्च, 2022: टाटा स्टील और इंडो-जर्मन साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (आईजीएसटीसी) ने 21 मार्च, 2022 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एमओयू पर डॉ. देबाशीष भट्टाचार्जी, वाईस प्रेसिडेंट, टेक्नोलॉजी एंड न्यू मैटेरियल्स बिज़नेस, टाटा स्टील तथा एस के वार्ष्णेय, हेड, इनटरनेशनल कोऑपरेशन,डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी सह भारतीय सह-अध्यक्ष, आईजीएसटीसी गवर्निंग बॉडी, की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।टाटा स्टील आईजीएसटीसी के साथ इस सहभागिता से लाभान्वित होने की उम्मीद रखती है ताकि नई प्रौद्योगिकी विकास को सुविधाजनक बनाने, विचारक नेतृत्व कार्यशालाओं का संचालन करने और मानव पूंजी विकास में सहयोग प्रदान के लिए एक संयुक्त सहयोगी अनुसंधान और नवाचार (आर एंड आई) संरचना स्थापित की जा सके। यह सहयोग साझेदारी वैश्विक रूप से प्रासंगिक प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित नवाचार क्षेत्रों, न्यू मैटेरियल्स में उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए संयुक्त अनुसंधान और नवाचार और उन्नयन के लिए प्रौद्योगिकी विकास के सम्बन्ध में होगी।इस अवसर पर, डॉ देबाशीष भट्टाचार्जी, वाईस प्रेसिडेंट, टेक्नोलॉजी एंड न्यू मैटेरियल्स बिज़नेस, टाटा स्टील ने कहा कि “इस सहयोग का उद्देश्य त्रिआयामी है: भारत और जर्मनी के बीच एक मानवीय बौद्धिक सेतु का विकास, वैश्विक बेहतरी के लिए अत्याधुनिक सस्टेनेबल प्रौद्योगिकियों का विकास करना, और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करना तथा प्रखर बुद्धि वाले युवा स्कॉलर्स को औधोगिक अनुसंधान के माध्यम से उद्योग जगत में पहचान बनाने का अवसर का देना। यह कार्यप्रणाली वैश्विक कार्यशालाओं के रूप में होगी, जिसमें चुनौती से सम्बंधित बयानों को स्पष्ट किया जाएगा और उद्योग तथा शिक्षाविदों दोनों को चिन्हित चुनौती के विवरण से संबंधित परियोजनाओं में संयुक्त रूप से भाग लेने के लिए बुलाया जाएगा। ”

Advertisements
Advertisements

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह एक भौतिक सेटअप में आयोजित किया गया था। उपस्थित लोगों में डॉ. स्टीफन नॉर्बर्ट कोच, मंत्री और आर्थिक विभाग के प्रमुख, जर्मन दूतावास, कामेश गुप्ता, चीफ – ग्रैफीन बिजनेस, इनोवेंचर एंड इनोवेशन, टेक्नोलॉजी एंड न्यू मैटेरियल्स बिजनेस, टाटा स्टील, और अन्य निदेशक तथा IGSTC के प्रख्यात वैज्ञानिक शामिल थे।

See also  कैलाश गहलोत ने छोड़ी आम आदमी पार्टी, राजनीति में बड़ा बदलाव

आईजीएसटीसी के बारे में

इंडो-जर्मन साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (IGSTC), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार और संघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय (BMBF), जर्मनी सरकार की एक संयुक्त पहल है, जिसकी स्थापना सरकार, अकादमिक/अनुसंधान प्रणाली और उद्योगों के बीच वास्तविक बातचीत के माध्यम से इंडो – जर्मन आर एंड डी नेटवर्किंग की सुविधा के लिए स्थापित की गई थी। इस प्रकार दोनों देशों में समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। अपने विभिन्न वित्त पोषण कार्यक्रमों के माध्यम से, IGSTC का इरादा भारत और जर्मनी के अनुसंधान/अकादमिक संस्थानों और सार्वजनिक/निजी उद्योगों की ताकत को जोड़कर नवाचार केंद्रित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को उत्प्रेरित करना है।

You may have missed