कविता:- आज की नारी! – अल्पा पारिख
मैं हूं मांमैं ही अन्नुपूर्णाऔर कोई अस्तित्व है मेरे भीमैं हूं आज की नारीमैं करूं संघर्षऔर बनु आदर्शकरके बातें प्यारी...
मैं हूं मांमैं ही अन्नुपूर्णाऔर कोई अस्तित्व है मेरे भीमैं हूं आज की नारीमैं करूं संघर्षऔर बनु आदर्शकरके बातें प्यारी...