पतंजलि विज्ञापन विवाद पर ये है सुप्रीम कोर्ट का जवाब…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:-कंपनी के भ्रामक विज्ञापनों के लिए पतंजलि के संस्थापकों रामदेव और बालकृष्ण द्वारा दायर माफी को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि “हम अंधे नहीं हैं” और वह इस मामले में “उदार नहीं होना चाहते”
अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मामले में केंद्र के जवाब से संतुष्ट नहीं है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह ने कहा, “माफी कागज पर है। उनकी पीठ दीवार के खिलाफ है। हम इसे स्वीकार करने से इनकार करते हैं, हम इसे वचन का जानबूझकर उल्लंघन मानते हैं।”
कार्यवाही की शुरुआत में कहा गया कि रामदेव और बालकृष्ण ने पहले मीडिया को माफी मांगी। न्यायमूर्ति कोहली ने कहा, “जब तक मामला अदालत में नहीं आया, अवमाननाकर्ताओं ने हमें हलफनामा भेजना उचित नहीं समझा। उन्होंने इसे पहले मीडिया को भेजा, कल शाम 7.30 बजे तक यह हमारे लिए अपलोड नहीं किया गया था। वे स्पष्ट रूप से प्रचार में विश्वास करते हैं।”
पतंजलि संस्थापकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह रजिस्ट्री की ओर से नहीं बोल सकते और माफी मांगी जा चुकी है।
जैसे ही उन्होंने हलफनामे पढ़े, न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा, “आप हलफनामे को धोखा दे रहे हैं। इसे किसने तैयार किया, मैं आश्चर्यचकित हूं।” श्री रोहतगी ने कहा कि एक “चूक” हुई, जिस पर अदालत ने जवाब दिया, “बहुत छोटा शब्द”।