साहित्यिक संस्था “हुलास” द्वारा मनाया गया “शेष स्मृति सम्मान समारोह सह कवि सम्मेलन..”

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जमशेदपुर (संवाददाता ):-साहित्य सृजन की खुशबू के फैलाव की सीमा असीम होती है। उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ निवासी, आजीवन मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए समर्पित स्मृति शेष “शेष नारायण तिवारी” के उत्कृष्ट लेखन की खुशबू जमशेदपुर तक आ पहुंची और शहर की चर्चित और सुपरिचित साहित्यिक संस्था “हुलास” द्वारा उनकी स्मृति को याद करते हुए तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में दिनांक 08-01-2023 को अपराह्न 4 बजे से “शेष स्मृति सम्मान समारोह” का भव्य आयोजन किया गया जिसमें शहर के अनेक स्वनामधन्य कलमकारों ने अपनी अपनी गरिमामय उपस्थिति से भव्यता प्रदान की।

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मुख्य अतिथि के रूप में जानी मानी शिक्षाविद् डाक्टर रागिनी भूषण, विशिष्ट अतिथि तुलसी भवन के न्यासी श्रीमान अरुण तिवारी जी, इस समारोह में संस्था द्वारा सम्मान हेतु चुने गए साहित्यकार श्रीमती प्रतिभा प्रसाद कुमकुम, श्री लखन विक्रांत और हुलास संस्था की डाक्टर संध्या सिन्हा सूफी के अतिरिक्त हुलास के अध्यक्ष श्री श्यामल सुमन जी मंच पर मौजूद थे।

नगर के कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने इस कार्यक्रम में सिरकत की और अपनी गीत, गजल, कविताओं की प्रस्तुति से प्रयाग कक्ष को सराबोर कर दिया। इस कार्यक्रम में ‘हुलास’ के अतरिक्त अन्य ‘साहित्यिक संस्थाओं’ के रचनाकारों ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की कुछ शानदार झलकियाँ प्रस्तुत हैं :
जय प्रकाश पाण्डेय ने पढ़ा :
रोज हम कितने सच भुलाते है ।
तब कहीं एकदिन जी पाते हैं ।।

अजय मुस्कान की प्रस्तुति :
कुछ बात हँसके टाल, न दिल में मलाल कर!!
गर पूछना है हक़ तो मुनासिब सवाल कर!!

हल्की – सी ठेस लगते ही मैं टूट जाऊँगा
आईना तेरा मैं हूँ, मेरी देख – भाल कर!!

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लता जी ने पढ़ा :
अपने अश्कों की क्यों न हम परवाह करें ,
छोड़िए बीती बातों से तौबा करें।

अध्यक्ष श्यामल सुमन की रचना :
कौन यहाँ पर ज्ञानी कम है
पर आँखों में पानी कम है

व्यापारिक मुस्कान अधर पे
जो समझे, अज्ञानी कम है

विजय बेरूका जी ने पढ़ा :
दर्द से रिश्ता निभाना चाहिए।
गम मिले तो मुस्कुराना चाहिए।।

हास्य जगत के जाने पहचाने कवि दीपक कुमार ‘दीप’ जी ने पढ़ा :
अश्कों को हटा मुस्कुरायें
हंसे और सबको हंसायें
और सुबह का वक्त है
जिंदगी के मजे लेने हैं तो
चाय में बिस्कुट डुबो कर खाएं!!

हास्य व व्यंग के कवि नवीन अग्रवाल जी ने पढ़ा:
मत पूछिये बाज़ार के फंडे
क्या पता कल से मिलने लगे
शाकाहारी अंडे।
डाक्टर संध्या सूफ़ी ने पढ़ा :
मुस्कुराने का बहाना खोजना मुश्किल हुआ।
अक्ल इतनी आ गयी कि सोचना मुश्किल हुआ?

मंच संचालन व स्वागत भाषण : नवीन अग्रवाल जी ने और धन्यवाद ज्ञापन जय प्रकाश पाण्डेय ने प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम में श्री अजय मुस्कान, दीपक वर्मा “दीप”, जय प्रकाश पाण्डेय , लता मानकर, शिप्रा सैनी , विजय नारायण “बेरूका “, नवीन अग्रवाल, पूनम शर्मा स्नेहिल, शिप्रा सैनी विमल किशोर, प्रेरणा पांडे, रूपम शर्मा, निवेदता श्रीवास्तव, बीणा पांडे भारती, संतोष कुमार चौबे, आरती श्रीवास्तव विपुला, सुनील सैलानी आदि उपस्थित हुए.

 

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