QR कोड स्कैन करो, चेहरा दिखाओ और पहचान कराओ – मोदी सरकार ने लॉन्च किया नया आधार ऐप, अब नहीं पड़ेगी फिजिकल कार्ड या फोटोकॉपी की जरूरत…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:मोदी सरकार ने लोगों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक नया डिजिटल कदम उठाया है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि सरकार ने एक नया Aadhaar ऐप लॉन्च किया है, जो आधार वेरिफिकेशन को अब पहले से कहीं ज्यादा तेज़, आसान और सुरक्षित बना देगा।


इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब आपको अपने आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी या उसकी फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चाहे आप होटल में चेक-इन कर रहे हों, हवाईअड्डे पर हों, सिम ले रहे हों या किसी सरकारी/प्राइवेट सेवा का लाभ उठा रहे हों—अब सिर्फ एक QR कोड स्कैन करके और अपने चेहरे को स्कैन कराकर आप अपनी पहचान सत्यापित कर सकेंगे।
यह ऐप UPI जैसी तकनीक पर आधारित होगा। यानी अब पहचान सत्यापन भी डिजिटल और रीयल टाइम में होगा। इसके ज़रिए यूज़र खुद तय कर सकेंगे कि वे अपनी पहचान से जुड़ी कौन-कौन सी जानकारी शेयर करना चाहते हैं। इससे यूज़र की प्राइवेसी और डाटा सुरक्षा दोनों को मजबूती मिलेगी।
अब तक कई जगहों पर यूज़र्स को बार-बार अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करनी पड़ती थी, जिससे न सिर्फ झंझट होता था, बल्कि निजी जानकारी के लीक होने का भी खतरा बना रहता था। नया आधार ऐप इसी समस्या का समाधान लेकर आया है।
फेस स्कैन तकनीक की मदद से अब यह ऐप यह सुनिश्चित करेगा कि जिस व्यक्ति की पहचान की जा रही है, वही असली व्यक्ति है। इससे धोखाधड़ी की संभावनाएं भी काफी हद तक कम हो जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि फिलहाल यह ऐप बीटा वर्ज़न में है, लेकिन बहुत जल्द इसे सभी यूज़र्स के लिए लॉन्च कर दिया जाएगा। उनके द्वारा शेयर किए गए डेमो वीडियो में साफ दिखाया गया है कि एक यूज़र पहले QR कोड स्कैन करता है और फिर अपने फोन के कैमरे से चेहरा स्कैन करके पहचान को वेरिफाई करता है।
इस ऐप के आने के बाद से यूज़र का अपने डाटा पर नियंत्रण रहेगा और वह खुद तय कर सकेगा कि उसे कितनी जानकारी साझा करनी है। हाल के दिनों में चैट जीपीटी द्वारा नकली आधार कार्ड फोटो जेनरेट करने जैसे मामलों के बाद इस ऐप को और भी जरूरी माना जा रहा है, ताकि यूज़र की जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सरकार का यह डिजिटल प्रयास न सिर्फ आधार से जुड़ी जटिलताओं को खत्म करेगा, बल्कि भारत को एक कदम और डिजिटल और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाएगा।
