एसबीयू में सरहुल महोत्सव: प्रकृति संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का संदेश…

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लोक आलोक डेस्क/रांची : सरला बिरला विश्वविद्यालय (एसबीयू) में प्रकृति पर्व सरहुल के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें आदिवासी संस्कृति, प्रकृति संरक्षण और पारंपरिक मूल्यों को सहेजने का संदेश दिया गया।

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कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने प्रकृति और मानव के पारस्परिक संबंधों पर बल देते हुए कहा, “अगर प्रकृति रहेगी, तभी मानव का अस्तित्व सुरक्षित रहेगा।” उन्होंने आदिवासी समुदाय की सादगीपूर्ण जीवनशैली को अनुकरणीय बताया।

कुलपति प्रो. सी जगनाथन ने छात्रों से अपील की कि वे आधुनिकता के बीच भी अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहें। उन्होंने कहा कि भले ही वे भविष्य में देश-विदेश कहीं भी रहें, लेकिन अपनी जड़ों को न भूलें और आने वाली पीढ़ियों को भी इसका महत्व समझाएं।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. श्रीधर दंडिन, डीन डॉ. नीलिमा पाठक, प्राचार्या डॉ. सुभानी बाड़ा और प्रशासक आशुतोष द्विवेदी ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन श्वेता कुमारी ने किया, जबकि मनीषा कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। रोजलिन तिग्गा ने सरहुल पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला।

विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने आयोजन में उत्साह भर दिया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बिजय कुमार दलान और राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने सरहुल के अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

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