सहयोग ने ऑनलाइन माध्यम द्वारा महादेवी वर्मा की जयन्ती मनाई

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जमशेदपुर।बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग द्वारा ऑनलाइन माध्यम द्वारा महादेवी वर्मा की जयन्ती मनाई गई। सर्वप्रथम सहयोग की संस्थापिका डॉ जूही समर्पिता ने महादेवी वर्मा के जीवन एवं साहित्यिक योगदान पर अपना मन्तव्य रखा। उन्होंने बताया कि महादेवी वर्मा हिंदी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवित्रियों में से एक हैं, वे‌ हिंदी साहित्य में छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। अपने संस्मरण सुनाते हुए उन्होंने बताया कि बचपन में उन्हें अपने माता-पिता के साथ महादेवी वर्मा के निवास स्थान इलाहाबाद जाने का अवसर भी मिला था। उस दिन उन्होंने अपनी कविता ‘मधुर मधुर मेरे दीपक जल’ सुनाई थी जो आज भी मानस पटल पर अंकित है।

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डॉ रागिनी भूषण ने कहा कि महादेवी वर्मा की कविता में करूण रस की अधिकता और अज्ञात प्रियतम के लिए असीम अपनत्व भाव होने के कारण उन्हें आधुनिक युग की मीरा भी कहा जाता ह। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने उन्हें “हिंदी के विशाल मंदिर की ‘सरस्वती ‘भी कहा है

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