रामलला की नगरी में रामनवमी की धूम: सूर्य तिलक से गूंज उठा अयोध्या, श्रद्धालुओं ने कहा- धन्य हो गए…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:अयोध्या से रामनवमी के पावन पर्व पर भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या आज पूरी तरह भक्ति में लीन नजर आई। राम जन्मभूमि परिसर में सूर्योदय के साथ ही विविध धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई। लेकिन जैसे ही घड़ी ने दोपहर के 12 बजाए, पूरा वातावरण आस्था से भर उठा। भगवान सूर्य की किरणों ने रामलला के ललाट को छूकर उन्हें सूर्य तिलक अर्पित किया। यह दृश्य न केवल अद्भुत था बल्कि विज्ञान और श्रद्धा का एक अनुपम संगम भी।


सूर्य तिलक की अद्भुत प्रक्रिया
रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक के लिए विशेष वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग किया गया। मंदिर के ऊपरी भाग में लगे दर्पणों पर सूर्य की किरणें गिरती हैं और परावर्तित होकर पीतल की पाइप से होती हुई गर्भगृह में पहुंचती हैं। तीन विशेष लेंसों से गुजरते हुए ये किरणें ठीक 12 बजे 75 मिलीमीटर के गोल तिलक के रूप में भगवान रामलला के ललाट को सुशोभित करती हैं। इस दिव्य क्षण का साक्षी बनने के लिए न केवल देश के कोने-कोने से, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे थे।
श्रद्धालुओं पर सरयू जल की फुहारें
राम मंदिर आने वाले भक्तों के स्वागत के लिए अनूठी व्यवस्था की गई। ड्रोन के जरिए सरयू नदी के पवित्र जल की फुहारें श्रद्धालुओं पर बरसाई गईं। इससे आस्था के साथ-साथ गर्मी से भी राहत मिली। जगह-जगह बैठने की व्यवस्था, शरबत वितरण और छांव की व्यवस्था श्रद्धालुओं की सेवा भावना का प्रतीक बनी।
दर्शन और आरती के बाद भक्ति में लीन श्रद्धालु
सूर्य तिलक के बाद विशेष आरती की गई, जिसमें जय श्रीराम के नारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। दर्शन करने के बाद कई श्रद्धालु मंदिर परिसर में ही बैठकर भजन-कीर्तन में लीन हो गए। उनके अनुसार, रामलला के साक्षात दर्शन कर वे स्वयं को धन्य मानते हैं।
सरयू में डुबकी और तीर्थ यात्रा
श्रद्धालुओं ने रामनवमी के अवसर पर सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। इसके बाद हनुमानगढ़ी, कनक भवन और अन्य प्रमुख मंदिरों में दर्शन कर अपनी यात्रा को पूर्ण किया।
सांसद अवधेश प्रसाद ने किए दर्शन
फैजाबाद से नव-निर्वाचित समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी आज पहली बार रामलला के दर्शन किए। राम मंदिर को लेकर अपने पुराने बयानों से चर्चा में रहने वाले सांसद ने रामनवमी पर मत्था टेकते हुए खुद को “रामलला का बड़ा भक्त” बताया।
रामनवमी के इस अवसर पर अयोध्या एक बार फिर भक्ति, विज्ञान और परंपरा का केंद्र बन गई है। रामलला के सूर्य तिलक ने न सिर्फ भक्तों को अभिभूत किया, बल्कि यह दर्शाया कि श्रद्धा जब तकनीक से मिलती है, तो चमत्कारिक क्षणों की रचना होती है। रामनगरी में आज हर दिल, हर गली, हर मंदिर – बस राममय हो गई है।
