राज्यसभा सांसद का सुनाया अबुल कलाम का किस्सा जो खूब वायरल हो रहा है…जब डॉ अब्दुल कलाम ने सुधा मूर्ति को किया था फोन…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने एक्स हैंडल पर एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया। उन्होंने बताया कि कैसे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने फोन को उन्होंने रॉन्ग नंबर समझ लिया। हालांकि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम उनसे ही बातचीत करना चाहते थे। सुधा मूर्ति ने यह भी बताया कि आखिर क्यों पूर्व राष्ट्रपति उनसे बातचीत करना चाहते थे।
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर फोन से हुई बातचीत को लेकर एक दिलचस्प किस्सा सुनाया है। राज्यसभा सांसद ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो क्लिप साझा किया है, जिसमें वो बता रहीं है कि आखिर क्यों पूर्व राष्ट्रपति ने फोन किया था।
गौरतलब है कि जब डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने फोन किया तो उन्हें लगा कि ये कॉल उनके लिए नहीं बल्कि उनके पति और इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के लिए है।
जब कलाम साहब ने सुधा मूर्ति को किया फोन
वीडियो क्लिप में सुधा मूर्ति और एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर है और बैकग्राउंड में उनकी रिकॉर्ड की हुई आवाज है। वीडियो रिकॉर्डिंग में सुधा मूर्ति कहती हैं,”एक दिन मेरे पास फोन आया कि अब्दुल कलाम आपसे बात करना चाहते हैं। मैंने उन्हें बताया कि यह गलत नंबर है, क्योंकि मेरा अब्दुल कलाम से कोई लेना-देना नहीं था। इसलिए मुझे लगा कि गलती से फोन मेरे पास आ गया है।”
सुधा मूर्ति ने आगे कहा,”ऑपरेटर से मैंने कहा, यह फोन नारायण मूर्ति के लिए हो सकता है। आपने श्री मूर्ति के बजाय श्रीमती मूर्ति से संपर्क किया है। तब ऑपरेटर ने सुधा मूर्ति से कहा नहीं, नहीं डॉ. अब्दुल कलाम ने खासकर से श्रीमती मूर्ति से बात करने को बोला है।”
डॉ कलाम ने बातचीत में क्या कहा?
सुधा मूर्ति ने इसके बाद कहा कि वो परेशान हो गईं और सोचने लगीं कि उन्होंने ऐसा क्या किया है कि अब्दुल कलाम ने उन्हें फोन कर दिया। फोन पर जब दोनों के बीच बातचीत हुई तो एपीजे अब्दुल कलाम ने उनसे कहा कि उन्होंने आईटी डिवाइड पर उनका कॉलम पढ़ा है। डॉ कलाम ने यह भी कहा कि कॉलम शानदार था और जब भी उनका आर्टिकल प्रकाशित होता है तो वे उसे पढ़ते हैं।
दरअसल सुधा मूर्ति ने अपने कॉलम में लिखा था,वह 100 रुपये किलो एक फल खरीदने गई थीं। बाद में उन्हीं के एक छात्र, जो इंफोसिस में ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी उसने उतना ही फल और उसी दुकानदार से 200 रुपये में खरीदा।
ये देखकर सुधा मूर्ति ने दुकानदार से पूछा कि इतना अंतर क्यों है? दुकानदार ने समझाते हुए कहा कि आप एक स्कूल टीचर हैं। आप नहीं समझ सकती हैं, जबकि वह एक आईटी पर्सन हैं, जो इंफोसिस में काम करती हैं। इस कारण उनके लिए ₹200 है। सुधा मूर्ति ने कहा कि ये लाइन पढ़कर अब्दुल कलाम खूब हंसे।
सांसद सुधा मूर्ति एक लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।