अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का प्रांतीय आयाम प्रमुख प्रशिक्षण शुरू
जमशेदपुर: जमशेदपुर में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, झारखंड के तत्वावधान में प्रांतीय आयाम प्रमुख अभ्यास वर्ग का( पूर्वी क्षेत्र एवं उत्तर मध्य क्षेत्र भारत) तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में लगभग 100 की संख्या में अधिकारियों एवं कार्यकर्ता उपस्थित हुए . प्रशक्षिण वर्ग का विधिवत उद्घाटन जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष) राजेंद्र झुनझुनवाला वनवासी कल्याण केंद्र, माननीय समैया जूलॉजी (संरक्षक) अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, माननीय संदीप कवीश्वर (अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री) , हिरेन्द्र सिन्हा (क्षेत्रीय संगठन मंत्री) एवं विनोद उपाध्याय जी क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री के कर कमलों से संयुक्त रूप में भारत माता, भगवान राम, वीर स्वतंत्रा सेनानी बिरसा मुंडा जी, वन योगी बाला साहब देशपांडे जी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर किया गया . तत्पश्चात सभा की अध्यक्षता करते हुए राजेंद्र झुनझुनवाला जी ने उपस्थित सभी वनवासी कल्याण आश्रम के समर्पित कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि समय समय पर कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण जरूरी है और यह प्रशिक्षण वनवासी कल्याण आश्रम की 4 साल के बाद पुनः जमशेदपुर को करने का सौभाग्य मिलाl इसके लिए हम स्थानीय कार्यकर्ता वनवासी कल्याण आश्रम को धन्यवाद करते हैं .
इसके पश्चात क्षेत्र संगठन मंत्री श्री हरेंद्र सिन्हा जी ने कहा कि हम सभी कार्यकर्ता एक ही पद के राही हैं जनजातीय क्षेत्र में कल्याण आश्रम की ओर से रक्षात्मक एवं विकासात्मक योजनाएं चलाई जा रही है और यह कार्य और सुंदर ढंग से हो इसके लिए समय-समय पर कार्यकर्ताओं की तरह अधिकारियों एवं प्रांत प्रमुख क् प्रशिक्षण जरूरी होती है .
सभा की मुख्य अतिथि के पद से बोलते हुए अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री माननीय संदीप कविता जी ने कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि सूचनाओं का पालन करना बौद्धिक का ही एक भाग है . संगठन का सिद्धांत ठीक रहने से संगठन ठीक से चलता है और इसके लिए कुछ नया सीखने के लिए ही इस तरह के अभ्यास वर्ग समय-समय पर होते हैं l संगठन का नीव मजबूत रहने पर संगठन कार्य पद्धति, कार्यकर्ताओं की कार्यशैली पर झलकता है . आत्मीयता का भाव ही संगठन के कार्य का आधार है विकास संगठन का उपनिषद है, धर्म को मानते हुए व्यवहार करने वाला व्यक्ति राष्ट्र को परम वैभव तक ले जाता है . जनजातियों के धर्म संस्कृति की रक्षा करती हुए जनजातियों का सर्वांगीण विकास करना ही वनवासी कल्याण आश्रम का एक धेय है.
जहां हमारी संगठन का आवाज है “तू मैं एक रक्त” इसका मतलब है हम और आप में कोई अंतर नहीं है. वन योगी बाला साहब देशपांडे जी ने जनजाति समाज के लिए दो बातें कहीं पहला जनजाति समाज के अस्मिता, दूसरा जनजाति समाज का अस्तित्व . इन्हीं दो बातों को ध्यान में रखते हुए हम सबको ध्यान केंद्रित कार्य करना चाहिए . हमें अपने मार्ग में चलते हुए हर वक्त या ध्यान देना चाहिए कि जनजाति समाज की धर्म संस्कृति की रक्षा हो रही है कि नहीं और इसकी सफलता के लिए अपने कार्यों में अधिक से अधिक जनजातीय समाज को जोड़कर अपने आधारस्तंभ को मजबूत करना चाहिए ताकि जनजातीय समाज का धर्म और समाज दोनों बच सके. इस अभ्यास वर्ग में भारत के पूर्व क्षेत्र एवं उत्तर मध्य क्षेत्र के 5 प्रांतों के अधिकारियों ने भाग लिया. भारत के पूर्वी क्षेत्रों के राज्यों में भाग लेने वाले के नाम बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा एवं आसाम है . मंच का संचालन विजय मोहंती जी ने किया. अभ्यास वर्ग के दौरान गीत हे जन्मभूमि भारत है कर्मभूमि भारत प्रस्तुत किया गया माननीय सुभाष चंद्र दुबे जी के द्वारा . अभ्यास वर्ग में उपस्थित देवनंदन सिंह प्रांत संगठन मंत्री, श्रीमंगला कांत प्रांत प्रचार प्रमुख, विजय केसरी, अंकज कुमार पाण्डेय, हरगोविंद सिंह एवं अन्य अधिकारियों कार्यकर्ता उपस्थित थे .