इस आइकॉनिक किरदार के लिए चले थे तपती रेत पर..रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर मुंबई आए थे Prithviraj Kapoor…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- हिंदी सिनेमा के सरताज के तौर पर पृथ्वीराज कपूर को याद किया जाता है। 29 मई को उनकी पुनियेतिथि मनाई जाती है। 52 साल पहले आज के दिन मुगल ए आजम के शहंशाह ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनसे जुड़े कई रोचक किस्से हैं लेकिन क्या आपको पता है कि वह रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर मुंबई आए थे।
पृथ्वीराज कपूर हिंदी सिनेमा को वो अभिनेता रहे, जिनका नाम अभिनय की दुनिया में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता है। आज रणबीर कपूर और करीना कपूर जैसे कलाकार कपूर खानदान का नाम बॉलीवुड में रोशन कर रहे हैं, लेकिन इसका आगाज पृथ्वीराज कपूर ने कई दशक पहले ही कर दिया था। 29 मई 1972 यानी आज ही के दिन 52 साल पहले पृथ्वीराज ने आखिरी सांस ली थी।
इंडस्ट्री में उनके अहम योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। आज पृथ्वीराज कपूर साहब की पुण्यतिथि पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारी देने जा रहे हैं, जिसको जानकर आपको हैरानी होगी।
रिश्तेदारों से उधार पैसे लेकर मुंबई आए थे पृथ्वीराज
पृथ्वीराज कपूर का जन्म आजाद भारत से पहले 3 नवंबर 1906 को पाकिस्तान के लायलपुर में हुआ था। अभिनय के क्षेत्र में अपनी किस्मत अजामाने के लिए वह किशोरावस्था में मुंबई आए थे। इसके पीछे की कहानी रोचक है क्योंकि उस वक्त पृथ्वीराज के परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ ज्यादा ठीक नहीं थी। ऐसे में वह अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर मायानगरी में पहुंचे।
पेट पालने के लिए उन्होंने यहां नौकरी भी शुरू कर दी थी, लेकिन कहते हैं कि मुसाफिर को एक न एक दिन अपनी मंजिल मिल ही जाती है और आलम आरा मूवी से उन्होंने इंडस्ट्री में डेब्यू कर लिया। इसके बाद 1934 में फिल्म सीता से उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी छाप छोड़ी और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
थिएटर से था अधिक जुड़ाव
एक कलाकार होने के नाते पृथ्वीराज कपूर का रंग मंच के थिएटर से काफी अधिक लगाव था। नाटकों के प्रति अधिक रूचि के कारण साल 1944 में उन्होंने अपने नाम से एक थिएटर की स्थापना कर डाली।
बताया जाता है कि पृथ्वीराज अपने थिएटर के बाहर एक बैग लेकर खड़े हो जाते थे ताकि नाटक को देखने के बाद दर्शक उन्हें पैसे दे सकें और उन पैसों से अपनी थिएटर ग्रुप के लोगों की हर संभव मदद किया करते थे।
मुगल ए आजम के एक सीन के लिए पृथ्वीराज ने दिया शत प्रतिशत
निर्देशक के आसिफ की कल्ट क्लासिक फिल्म मुगल ए आजम को लेकर पृथ्वीराज कपूर को हमेशा याद किया जाता है। इस मूवी में उन्होंने शहंशाह अकबर का किरदार निभाया था। मूवी में एक सीन के दौरान अकबर को चिश्ती की दरगाह पर जाना था।
उन्होंने इस सीन को नंगे पैर चिलचिलाती धूप में गर्म रेत पर फिल्माया। जब तक कमरूद्दीन आसिफ ने इस दृश्य के लिए कट नहीं बोला था, तब तक पृथ्वीराज इसे करते रहे थे। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह फिल्मों में किरदार के लिए शत प्रतिशत देने के लिए जाने जाते थे।
पृथ्वीराज कपूर के बेटों ने बॉलीवुड में लहराया परचम
अपने पिता की तरह पृथ्वीराज कपूर के बेटों ने भी हिंदी सिनेमा में अभिनय की जीती जागती मिसाल को कायम किया। कपूर खानदान को इंडस्ट्री में स्थापित करने में पृथ्वीराज के लाडले राज कपूर, शशि कपूर और शम्मी कपूर ने अहम योगदान दिया।
जहां एक तरफ हिंदी फिल्मों को शो मैन कहे जाने वाले राज कपूर ने एक्टिंग के साथ-साथ डायरेक्शन के फील्ड में परचम लहराया। दूसरी तरफ भाई शशि कपूर और शम्मी ने बतौर अभिनेता अपनी छाप छोड़ी। बता दें कि रणबीर कपूर कपूर खानदान चौथी पीढ़ी में यही काम करते हुए परिवार का नाम आगे बढ़ा रहे हैं।