रिम्स में मरीजों को मिलेगी राहत डॉक्टर जेनरिक दवा की देंगे सलाह।
रांची:- कोरोना काल के बाद ब्रांडेड दवाओं की कीमतों में 30 से 40 फीसदी की वृद्धि हुई है. सामान्य दवाओं की कीमत बढ़ने से आम आदमी त्रस्त है.सामान्य दवाओं की कीमत बढ़ने से आम आदमी त्रस्त है. ऐसे में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के ओपीडी में परामर्श लेनेवाले और भर्ती मरीजों को प्रबंधन जेनेरिक दवा उपलब्ध करा कर राहत देने जा रहा है. प्रबंधन यूनिट इंचार्ज को यह निर्देश देने जा रहा है कि रिम्स में उपलब्ध दवा के अलावा अन्य दवा की जरूरत पड़ती है, तो वह मरीजों को प्रधानमंत्री जन औषधि ( Prime Minister Jan Aushadhi Medicine Centre ) की जेनेरिक दवाओं ( Generic Medicine ) का परामर्श दें.
शीघ्र इससे संबंधित निर्देश रिम्स द्वारा जारी किया जायेगा. रिम्स प्रबंधन यूनिट इंचार्ज और ओपीडी में जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाओं की लिस्ट जारी करेगा, जिससे डॉक्टरों को यह पता होगा कि कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं. डॉक्टरों से दवाओं की सूची भी प्रबंधन मांगेगा, जिससे दवा की उपलब्धता केंद्र में रहे. इधर, रिम्स प्रबंधन नयी एजेंसी को चिह्नित कर दवाओं की संख्या बढ़ायेगा, ताकि केंद्र में आनेवाले मरीजों को दवा के लिए लौटना नहीं पड़े. दवाओं की उपलब्धता के बाद वर्तमान केंद्र की जगह को बढ़ाया जायेगा.
प्रधानमंत्री जन औषधि की दवाओं का एमआरपी कम होता है. कंपनी पहले से ही कम कीमत निर्धारित करती है, इसलिए एमआरपी पर भी यह सस्ती है. ओपीडी और भर्ती मरीजों को सस्ती दवा उपलब्ध हो, इसके लिए यूनिट इंचार्ज को निर्देश दिया जायेगा कि वह ज्यादा से ज्यादा जन औषधि की सस्ती दवाओं का परामर्श दें.प्रधानमंत्री जन औषधि दवाओं का एमआरपी होता है सस्ता
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र( Prime Minister Jan Aushadhi Medicine Centre ) की जेनेरिक दवाओं का एमआरपी निर्धारित रहता है. इसमें दवाओं का मूल्य सरकार के निर्देश पर कंपनी तय करती है. इस कारण वह बहुत सस्ती रहती है. वहीं अन्य ब्रांडेड जेनेरिक कंपनियों की दवाओं की कीमत बहुत अधिक रहती है, जबकि उसके वास्तविक मूल्य में काफी अंतर होता है. ऐसे में दुकानदार के पास छूट देने के बाद भी दवाओं में अच्छी खासी कमाई हो जाती है.
2025 तक 10,500 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलेगी केंद्र सरकार : केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक देश में 10,500 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी में है. वर्ष 2021 तक देश में 8,300 केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में इस पर लिखित जवाब दिया है.