राज्य में ओड़िया शिक्षा के नाम कागजी प्रयास का हो चुका है पर्दाफाश: कार्तिक

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सरायकेला: महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू 18 मई 2015 को झारखंड की राज्यपाल पद पर आसीन होने के बाद झारखंड के ओड़िया शिक्षा पर एक जांच रिपोर्ट सरायकेला खरसावां जिले से मांगी थी। कभी ओडिशा का राजस्व जिला रहा सरायकेला को एक षड्यंत्र के तहत बिहार में 52 वर्षों तक रखने एवं बिहार झारखंड सरकार द्वारा अब तक उड़िया उत्थान निमित्त कागजी घोड़ा दौड़ाने को लेकर वह रिपोर्ट चौंकाने वाला रहा।

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झारखंड में उड़िया भाषा एवं संस्कृति के लिए आंदोलन कर रहे संरक्षक कार्तिक परिच्छा ने राज्यपाल को 10 अक्टूबर 2015 को एक पत्र लिख कर उनको ओड़िया भाषा संस्कृति संरक्षक की दिशा में जारी प्रयास का सराहना करते हुए कहा था कि सरायकेला प्रखंड में 1975 तक नगरीय क्षेत्र (कभी राजधानी) में सभी स्कूलों मुख्यतः ओड़िआ स्कुल थे। इसके अलावे तबलापुर,नुआगांव,मानिक बाजार,पठानमारा पांड्रा,शत्रुसाल, जोरडीहा,थोलको,बडबिल,दूधी, भुरकुली,कालापत्थर व लुपुगं आदि अनेक प्राईमेरी तथा अपर प्राइमरी स्कूलों में ओड़िया भाषा की पढ़ाई होती थी। इसी प्रकार राजनगर प्रखंड के अधीन हामन्दा,कोलाबड़िया,छेलक टंगरानी,आदारहातु,गोविंदपुर,बोरेई, ब्राह्मण कुटुम,हेंसल,कालाझरना, गाजीडीह,खीरी,कृष्णापुर,जमबानी, टांगरजोड़ा,ईचा,तेलाई,पोटका,धोलाडीह,नेटो,चक्रधरपुर,जुमाल,बड़ाकादल, जोलडीहा,भालुपानी,श्यामसुन्दरपुर व कीता आदि स्कूलों में वर्ष 1975 तक ओड़िया भाषा की पढ़ाई होती रही। परिछा ने कहा कि महामहिम को वास्तविक तथ्य से अवगत करना इसलिए उचित था कि तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक सह डीपीओ सरायकेला खरसावां ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को प्रेषित पत्र में सरायकेला एवं खरसावां के 24 विद्यालयों का नाम देकर कहा था कि उनमें ओड़िया स्वीकृत पद नहीं है नाही शिक्षक है पर यहां ओड़िया पढ़ाई होती है। ठीक नीचे नोट पर लिखा जाता है उत्कल सम्मेलनी नामक एक ओडिशा की एनजीओ के जरिए 42 शिक्षक ओड़या पढ़ा रहे हैं जिनका मानदेय ओडिशा सरकार देती है। मतलब ओडिशा से राजस्व जिला को लाया जाता है ओडियाओं के राजस्व खाया जाता है पर अब भी ओड़िया बच्चों को दुध मांग कर पाला जाता है। अगर सरायकेला खरसावां में ओड़िया लोग/ बच्चे नहीं हैं तो फिर उत्कल सम्मेलनी क्यों प्रयास कर रही है ? आखिर आदित्यपुर से श्यामसुंदर कीता तक के सैकड़ों उन ओड़िया विद्यालय कहां गये जो राजबाड़े ज़माने में सरायकेला स्टेट की राजकीय मुल भाषा ओड़िया शिक्षा निमित्त थे। सभी ओड़िया पढ़ते थे।

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