नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…इस साल जन्माष्टमी पर बन रहा खास योग, जानें शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी 2022: इस साल जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लोग काफी असमंजस में हैं क्योंकि इस इस साल अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है। ऐसे में जानिए गृहस्थ जीवन जी रहे लोग किस दिन मनाएं भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव।
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग और वृषभ राशि में जब चंद्रमा था तब रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसी कारण हर साल इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को के रूप में मनाया जाता है। इस साल भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों के बीच काफी भ्रम है। क्योंकि इस साल अष्टमी और नवमी के सुबह के समय जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। जानिए जन्माष्टमी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त।
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हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व है। इस साल रक्षाबंधन की तरह की जन्माष्टमी को लेकर लोगों के बीच काफी असमंजस है। क्योंकि इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 2 दिन मनाया जा रहा है।
जन्माष्टमी 2022 की सही तिथि?
पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी इस बार 2 दिन मनाई जाएगी। पहली 18 अगस्त को होगी। अष्टमी तिथि की रात्रि को गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग रखेंगे। वहीं अष्टमी तिथि की उदया तिथि को वैष्णव सन्यासियों के द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 19 अगस्त को कृत्तिका नक्षत्र देर रात 01 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा ,इसलिए इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी नहीं रहेगा । ऐसे में माना जा रहा है कि 19 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाना शुभ होगा।
मंदिरों में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी
बता दें कि मथुरा के मंदिरों में 19 अगस्त की रात को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इसके साथ ही द्वारिकाधीश मंदिर, बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 19 अगस्त को ही मनाई जाएगी।
जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ समय
जन्माष्टमी की पूजा ले लिए 18 अगस्त की रात 12 बजकर 20 मिनट से लेकर 1 बजकर 05 तक का समय सबसे शुभ माना जा रहा है। पूजा की अवधि कुल 45 मिनट की होगी।
जन्माष्टमी पर बन रहा खास योग
इस साल जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग लग रहा है। माना जाता है कि वृद्धि योग में पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही श्रीकृष्ण और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। वृद्धि योग 17 अगस्त रात 8 बजकर 57 मिनट से शुरू हो रहा है जो 18 अगस्त रात 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो रहा है।
जन्माष्टमी 2022 का शुभ मुहूर्त
तिथि- 18 अगस्त 2022, गुरुवार
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ- 18 अगस्त शाम 9 बजकर 21 मिनट से शुरू
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त- 19 अगस्त रात 10 बजकर 59 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त – 18 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक।
वृद्धि योग – 17 अगस्त दोपहर 8 बजकर 56 मिनट से 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 मिनट तक
ध्रुव योग – 18 अगस्त रात 8 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त रात 8 बजकर 59 मिनट तक
भरणी नक्षत्र – 17 अगस्त रात 09 बजकर 57 मिनट से 18 अगस्त रात 11 बजकर 35 मिनट तक
निशिथ पूजा मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 20 मिनट से 01:05 तक रहेगा
जन्माष्टमी पारण का शुभ मुहूर्त– 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट के बाद
राहुकाल – 18 अगस्त दोपहर 2 बजकर 06 मिनट से 3 बजकर 42 मिनट तक
हिंदू पंचांग क्या कहता है-
हृषिकेश पंचांग
हृषिकेश पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि का प्रारंभ 18 अगस्त को मध्य रात्रि 12 बजकर 15 मिनट से हो रहा है. साथ ही अष्टमी तिथि 19 अगस्त को देर रात 1 बजकर 06 मिनट तक रहेगी.
निर्णय सागर पंचांग
जन्माष्टमी की तिथि को लेकर निर्णय सागर पंचांग का भी अपना मत है. इस पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात्रि 09 बजकर 22 मिनट से से प्रारंभ हो रही है. वहीं अष्टमी तिथि क समापन 19 अगस्त को रात तकरीबन 11 बजे होगा.
श्री आदित्य पंचांग
श्री आदित्य पंचांग की मानें को अष्टमी तिथि 18 अगस्त को आधी रात 12 बजकर 08 मिनट से 19 अगस्त को रात 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगी
श्री जगन्नाथ पंचांग
जन्माष्टमी तिथि को लेकर श्री जगन्नाथ पंचांग का भी मत है. श्री जगन्नाथ पंचांग के अनुसार 18 अगस्त को रात 09 बजकर 27 से अष्टमी तिथि प्ररंभ हो रही है. वहीं अष्टमी तिथि 19 को रात्रि 11 बजकर 05 मिनट तक रहेगी.
विश्व पंचांग
वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय पंचांग (विश्व पंचांग) के अनुसार, अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 11 बजकर 55 से लेकर 19 अगस्त को रात 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगी.
गणेश आपा पंचांग
गणेश आपा पंचांग के मतानुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त रात 12 बजकर 15 मिनट से हो रहा है. जबकि अष्टमी तिथि का समापन 19 अगस्त 2022 को देर रात 01 बजकर 06 मिनट पर होगा.
अन्नपूर्णा काशी विश्वनाथ
अन्नपूर्णा काशी विश्वनाथ पंचांग के मुताबिक अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात्रि 12 बजकर 06 से शुरू होकर 19 अगस्त को रात 2 बजकर 07 तक अष्टमी रहेगी.
धर्म रक्षा पंचांग
धर्म रक्षा पंचांग की मान्यतानुसार अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 12 बजकर 06 से शुरू होकर 19 को रात्रि 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगी.