समता-संकल्प-संवाद’ कार्यक्रम के माध्यम से दोनों महान विभूतियों को दी गई संगीतमय श्रद्धांजलि

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जमशेदपुर : भारत रत्न व संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर सिदगोडा स्थित पुस्तकालय में ‘धुन-आर्ट एंड म्यूजिक’ के युवा कलाकारों ने बाबा साहब अंबेडकर और समाज सुधारक महामना ज्योतिबा फुले की जयंती के अवसर पर ‘समता-संकल्प-संवाद’ कार्यक्रम कर दोनों महान विभूतियों को संगीतमय श्रद्धांजलि के माध्यम से नमन किया.

“संविधान कितना भी अच्छा हो और उसे मानने वाले लोग गलत हों, तो संविधान का कोई औचित्य नहीं.”-बाबा साहेब

इस कार्यक्रम का संचालन चंदन कुमार ने किया. उन्होंने बताया कि आज समाज में इतनी ज्यादा सांप्रदायिक तनाव चारों तरफ बढ़ता चला जा रहा है, तब केवल इन्हें श्रद्धांजलि दे कर काम नहीं चलेगा, बल्कि इनके बताये मार्गो पर चलने की जरुरत आज समाज को सबसे ज्यादा है. संविधान निर्माता बाबा साहब ने ही कहा था, “संविधान कितना भी अच्छा हो और उसे मानने वाले लोग गलत हों, तो संविधान का कोई औचित्य नहीं.” उन्होंने सभी से संविधान के दायरे में रहकर ही काम करने की अपील की.

कार्यक्रम का संचालन अंकुर शास्वत ने किया. कार्यक्रम में रमण, अनिषा, अमीषा, कनिष्क आदि मौजूद रहे.

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