बहुभाषीय सहयोग संस्था ने मन्नू भंडारी को श्रद्धांजलि अर्पित की
जमशेदपुर : 16 नवंबर को शाम सहयोग संस्था ने औनलाइन शोक सभा प्रसिद्ध कथाकार मन्नू भंडारी के निधन पर आयोजित की गई। सभा के आरंभ में सहयोग की अध्यक्ष डॉ.जूही समर्पिता ने विस्तार से कहानीकार मन्नू भंडारी का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि वे मन्नू भंडारी की कहानियों को बचपन से पढ़कर बड़ी हुई हैं। महाभोज”नाटक”, सोमाबुआ” आदि उनकी प्रिय रचना रही है।”आपका बंटी”कहानी ने मध्यमवर्गीय स्त्रियों को नौकरी और घर के बीच सामंजस्य स्थापित करना सिखाया। वरिष्ठ कवयित्री आनंदबाला शर्मा ने मन्नू भंडारी को एक महान कहानीकार बताया तो गीता नूर ने कहा कि “न जाने कितनी कहानियां दिल में छिपाई वे चली गई!” कवयित्री अर्चना राय ने उनकी पंक्तियों को उल्लेख करते हुए कि”किसी भी स्त्री को अपनी मनोव्यथा व्यक्त नहीं करनी चाहिए क्योंकि उससे संघर्ष करने में वह सक्षम है”को अपनी आदर्श पंक्तियां बताया।कवि , शिक्षाविद डॉ.अरुण सज्जन ने अपने संस्मरण को सुनाते हुए कहा कि वे कक्षाओं में पढ़ाते वक्त मन्नू भंडारी की कहानियों की भावुक पंक्तियां खुद नहीं पढ़ पाते थे। उन्होंने”दो कलाकार”आदि कहानियों का जिक्र किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अनीता सिंह ने “महाभोज” नाटक में कई बार किए गए नाट्य मंचन की याद साझा की।इस औनलाइन श्रद्धांजलि सभा में डॉ.मुदिता चंद्रा,सुधा गोयल,विद्या तिवारी,पद्मा मिश्रा, सरिता सिंह, डॉ.उमा सिंह किसलय आदि ने अपनी ओर से मन्नू भंडारी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।