मुख्तार के शूटर अनुज कनौजिया का एनकाउंटर, लेकिन कहानी अधूरी… क्या अब पत्नी लेगी गैंग की कमान? जानें पूरा मामला…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क: शनिवार देर रात जमशेदपुर में यूपी STF और झारखंड पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में कुख्यात गैंगस्टर और मुख्तार अंसारी के शूटर अनुज कनौजिया को मुठभेड़ में मार गिराया गया। अनुज महज एक अपराधी नहीं था, बल्कि वह मुख्तार के गिरोह के लिए नए युवाओं को जोड़ने का जिम्मा संभाल रहा था। लेकिन इस पूरी कहानी में उसकी पत्नी रीना राय का नाम भी किसी फिल्मी किरदार की तरह सामने आया है, जो खुद भी गैंगस्टर है और कई मामलों में जेल जा चुकी है।

फिल्मी स्टाइल में हुई थी अनुज-रीना की शादी!
रीना राय, जो अब गैंगस्टर के रूप में कुख्यात है, कभी एक आम लड़की थी। लेकिन उसकी जिंदगी तब बदल गई जब उसे एक लड़के की लगातार परेशानियों से छुटकारा पाना था। उसने अनुज से मदद मांगी। पहले तो अनुज ने लड़के को समझाया, लेकिन जब वह नहीं माना तो 15 दिन का समय दिया। इसके बावजूद जब लड़का नहीं सुधरा, तो अनुज ने उसकी दुकान पर जाकर उसे गोली मार दी।
यहीं से रीना और अनुज की कहानी शुरू हुई। रीना इस घटना के बाद अनुज की ओर आकर्षित हो गई और परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर उससे शादी कर ली। चौंकाने वाली बात यह रही कि उनकी शादी पुलिस कस्टडी में हुई।
गैंगस्टर पत्नी, जिसने पति का गैंग संभाल लिया!
शादी के बाद रीना ने सिर्फ एक पत्नी की भूमिका नहीं निभाई, बल्कि पति के अवैध धंधों को संभालने लगी। 2023 में रंगदारी मांगने के मामले में रीना राय को झारखंड पुलिस और यूपी STF ने जमशेदपुर के बारीगोड़ा से गिरफ्तार किया था। जेल से छूटने के बाद वह फिर से सक्रिय हो गई और हाल ही में दो दिन पहले अपने ससुराल बहलोलपुर आई थी।
कैसे बना अनुज कुख्यात अपराधी?
अनुज का जीवन शुरू से ही अपराध की ओर नहीं था, लेकिन पारिवारिक घटनाओं ने उसे इस दलदल में धकेल दिया। उसके पिता सरकारी शिक्षक थे, और तीन भाइयों में सबसे छोटा अनुज था। 2006 में पारिवारिक झगड़े में उसके बड़े भाई मनोज को अधमरा कर खेत में फेंक दिया गया था। बदला लेने के लिए मनोज ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी और भाग गया। कुछ साल बाद पुलिस ने मनोज को एनकाउंटर में मार गिराया।
भाई की मौत के बाद अनुज ने भी अपराध की राह पकड़ ली और 17 साल की उम्र में पहला मर्डर कर दिया। इसके बाद वह यूपी से भागकर 2023 में जमशेदपुर आ गया और वहीं पत्नी और बच्चों के साथ बस गया।
शिवरतन रजक की गिरफ्तारी और गैंग का नेटवर्क!
अनुज के गैंग को पनाह देने वालों में टाटा मोटर्स का कर्मचारी शिवरतन रजक भी शामिल था। वह रीना का दूर का रिश्तेदार था और उसने ही बारीगोड़ा में रीना को छिपने में मदद की थी। पुलिस ने छापेमारी कर उसे भी गिरफ्तार कर लिया था।
अंत में पुलिस ने किया खेल खत्म!
सालों तक अपराध की दुनिया में दबदबा बनाए रखने वाले अनुज का अंत आखिरकार पुलिस एनकाउंटर में हो गया। लेकिन उसकी कहानी सिर्फ उसका अंत नहीं, बल्कि यह भी दिखाती है कि अपराध की दुनिया में जब कोई एक कदम रखता है, तो वापस लौटना नामुमकिन हो जाता है।
रीना राय अभी बाहर है, लेकिन पुलिस की नजरें अब उस पर भी टिकी हुई हैं। सवाल यह है कि क्या रीना अपने पति की मौत के बाद भी गैंग की कमान संभालेगी, या फिर यह कहानी यहीं खत्म हो जाएगी?
