पिछले पाँच दिनों से बंधक सीआरपीएफ़ जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया

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छत्तीसगढ़ (एजेंशी) : बीजापुर में हुए नक्सली हमले में अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया है. माओवादियों ने पिछले पाँच दिनों से बंधक बना कर रखा था. पति की रिहाई पर जवान की पत्नी ने सरकार को धन्यवाद कहा है. अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राकेश्वर सिंह जंगल के रास्ते वापस लौटे हैं. उनके वापस आने पर उन्हें बीजापुर सीआरपीएफ कैंप ले जाया गया.हालांकि जवान की रिहाई किन शर्तों पर की गई, इससे जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. शनिवार को बीजापुर के तर्रेम में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 22 जवान मारे गये थे और 30 जवान घायल हुए थे.

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वहीं सीआरपीएफ़ की कोबरा बटालियन के राकेश्वर सिंह मनहास मुठभेड़ के बाद से लापता थे. इसके बाद माओवादियों ने स्थानीय पत्रकारों को फ़ोन कर जानकारी दी कि वो मनहास को अपने साथ लेकर गये थे और उन्हें अज्ञात स्थान पर रखा गया था.माओवादियों ने बाद में मनहास की तस्वीर भी जारी की थी. जम्मू के नेत्रकोटी गाँव के रहने वाले राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के लिए उनके परिजनों ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की थी.इस बीच बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता और जेल बंदी रिहाई समिति की संयोजक सोनी सोरी बीजापुर के एक अज्ञात स्थल पर जवान की रिहाई के लिए पहुँची थे लेकिन माओवादियों ने उन्हें वापस भेज दिया.माओवादियों ने एक बयान में कहा कि सरकार इस मामले में अपने मध्यस्थ नियुक्त करे. माओवादियों का कहना था कि राकेश्वर सिंह मनहास को सरकार द्वारा नियुक्त मध्यस्थ को ही सौंपा जाएगा.

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