झारखंड में बदलते समय के साथ सिमट रहा है मधु कोड़ा का कद

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जमशेदपुर । भले ही एक समय में मधु कोड़ा झारखंड के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, लेकिन समय के साथ उनका कद भी सिमटता ही जा रहा है. वे निर्दलीय चुनाव जीते थे और मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी गीता कोड़ा तो पहले विधायक बनाया था. उसके बाद सांसद भी बनाया. भाजपा में शामिल होने के बाद लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा को सिंहभूम सीट से टिकट दिया गया था, लेकिन वह हार गईं. इस बार वह फिर से जगन्नाथपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. अब मधु कोड़ा के लिए अपना कद बचाने की ही भारी चुनौती सामने खड़ी है.

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2019 की विधानसभा चुनाव में मधु कोड़ा को जगन्नाथपुर सीट से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपनी ही बी टीम सोनाराम सिंकू को खड़ा किया था. सोनाराम को उन्होंने विधायक भी बनाया. इस बार सोनाराम कांग्रेस पार्टी की टिकट पर जगन्नाथपुर से अपना भाग्य आजमा रहे हैं. अब मधु कोड़ा को अपने ही लोगों का सामना करना पड़ रहा है. अगर सोनाराम चाहते तो गीता कोड़ा के कारण चुनावी मैदान से बाहर भी हो सकते थे, लेकिन वे भी चुनाव लड़े और गीता कोड़ा को टक्कर दी.

मधु कोड़ा ने कभी जय भारत समानता पार्टी भी बनाई थी. इस पार्टी से वे विधायक भी बने थे और पत्नी गीता कोड़ा भी विधायक बनाया था. बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में कर दिया था. आज वे भाजपा में शामिल हैं और अपना कद बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं.

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