देश में फिर से लग सकता है लॉकडाउन, संक्रमण में देखी जा रही बढ़ोतरी, जानिए कहाँ मास्क लगाना हुआ अनिवार्य…
दिल्ली :- देश में कोरोना की रफ्तार एक बार फिर बढ़ने लगी है. दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में कोरोना तेजी से बढ़ता जा रहा है. यहां बड़ी संख्या में अब बच्चे भी संक्रमित मिल रहे हैं. तीसरी लहर थमने के बाद जो पाबंदियां हटाई गई थीं, अब उन्हें दोबारा लागू किया जाने लगा है. यूपी सरकार ने लखनऊ समेत 7 शहरों में मास्क को दोबारा अनिवार्य कर दिया है. कोरोना के हालातों पर बुधवार को DDMA की बैठक भी होनी है, जिसमें कुछ पाबंदियों पर फैसला हो सकता है.
दरअसल, सबसे ज्यादा मामले दिल्ली-एनसीआर में सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 24 घंटे में कोरोना के 1,247 मामले सामने आए हैं. इनमें से 501 मामले अकेले दिल्ली के हैं. यानी, हर दूसरा संक्रमित दिल्ली में मिला है. राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर के इलाकों में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लखनऊ समेत 7 जिलों में मास्क को अनिवार्य कर दिया है. जिन जिलों में मास्क को अनिवार्य किया गया है, उनमें लखनऊ के अलावा गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर और बागपत शामिल हैं.
कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद 1 अप्रैल से ही उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों में मास्क की अनिवार्यता को खत्म किया था. लेकिन अब फिर से मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है. मास्क नहीं पहनने पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. सीएम योगी ने अधिकारियों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाने का आदेश दिया है. मास्क की अनिवार्यता के साथ-साथ अब फिर से कोरोना की मास टेस्टिंग भी शुरू की जा रही है. लखनऊ में अब दिल्ली, एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद, हरियाणा और महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर कोरोना की जांच की जाएगी. इसके अलावा शैक्षणिक संस्थान, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी कोरोना जांच कराने के लिए आदेश दिए गए हैं. लखनऊ में पॉजिटिविटी रेट बढ़ने के बाद प्रशासन ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं. इसके अलावा संदिग्धों की जांच के लिए कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को मेडिकल टीम और गाड़ियां भी दी जाएंगी.
राजधानी दिल्ली में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. यहां संक्रमण दर 8 फीसदी के करीब पहुंच गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 5 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर ‘चिंताजनक’ होती है. दिल्ली में तीन दिन से संक्रमण दर 5 फीसदी से ऊपर है. दिल्ली सरकार के ही ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के मुताबिक, अगर लगातार दो दिन तक 5 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर रहती है तो रेड अलर्ट लागू कर दिया जाएगा. रेड अलर्ट का मतलब है कम्प्लीट लॉकडाउन. हालांकि, इस बार कम्प्लीट लॉकडाउन लगने की आशंका इसलिए भी कम है क्योंकि संक्रमण भले ही बढ़ रहा है लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है. राजधानी में बढ़ते कोरोना के हालातों को लेकर बुधवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की बैठक भी होनी है. इस बैठक में कोरोना की पाबंदियां को फिर से लगाने पर फैसला लिया जा सकता है. दिल्ली सरकार ने मास्क की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था, जिसे फिर से लागू किया जा सकता है.