दिन में जॉब, रात में पढ़ाई… नेहा ने ऐसे नौकरी के साथ पहले अटेंप्ट में क्रैक किया UPSC एग्जाम
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क / Success Story: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देश की प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल लाखों में उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही इसके आखिरी पड़ाव तक पहुंचकर कामयाबी हासिल करते हैं. लेकिन आज हम उस महिला उम्मीदवार की सक्सेस स्टोरी बता रहे हैं जिन्होंने जॉब करते हुए यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही अटेंप्ट एग्जाम क्रैक कर लिया था. हम बात कर रहे हैं नेहा बनर्जी की, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 20वीं रैंक हासिल की थी.
साल 2011 में जब नेहा के पिता नहीं रहे तो उनकी मां ने सिंगल पेरेंट के तौर पर उन्हें पाला. नेहा पढ़ाई में शुरू से अच्छी थीं. साल 2018 में उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इंजीनियरिंग के बाद उन्हें नोएडा की एक कंपनी में जॉब भी मिल गई. वो बताती हैं कि फाइनेंशियल इंडिपिंडेंस बने रहना उनके लिए जरूरी था, इसलिए जॉब भी नहीं छोड़ सकती थी. इसलिए अपनी जॉब के साथ-साथ उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी. जॉब के दौरान ही उन्हें यूपीएससी एग्जाम देना का ख्याल आया. उन्होंने जॉब के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. दिनभर दफ्तर में काम किया और घर आकर एग्जाम की तैयारी की.
पहले अटेंप्ट में क्रैक किया यूपीएससी एग्जाम, पाई 20वीं रैंक
नेहा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में पहला अटेंप्ट दिया था. जॉब के साथ एग्जाम की तैयारी की और 20वीं रैंक हासिल की. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि पहले तो मैं थोड़ा नर्वस थी. इसके पीछे की वजह इंजीनियरिंग बैकग्राउंड थी. उन्होंने तैयारी की शुरुआत न्यूजपेपर पढ़ने से की. उन्हें न्यूजपेपर पढ़ना अच्छा लगने लगा तो दूसरे चरण में सिलेबस और तैयारी का तरीका समझा. उन्हें ये बात रोमांचित करने लगी कि अब उन्हें नये विषयों जैसे इतिहास, भूगोल, जीएस, पॉलिटिक्स वगैरह को भी समझने का मौका मिलेगा.
उन्हें इस बात ने भी अपील किया कि इस मंजिल को सिलेबस को समझकर, प्लानिंग, स्ट्रेटजी और कड़ी मेहनत से पा सकते हैं. उन्होंने सिलेबस को जानना शुरू किया, बहुत सारे टॉपर्स को सुना. कई टॉपर्स की जर्नी ने उन्हें प्रभावित किया.
इंटरव्यू से 15 दिन पहले छोड़ी नौकरी
नेहा बताती हैं कि यूपीएससी प्रीलिम्स और मेन्स एग्जाम पास करने के बाद उनके सामने इंटरव्यू का आखिरी पड़ाव था. लेकिन दूसरी ओर उन्होंने इंटरव्यू से 15 दिन पहले नौकरी छोड़ दी और इंटरव्यू प्रीपरेशन पर फोकस किया. एक वीडियो इंटरव्यू में नेहा ने बताया कि उनसे ट्रिकी क्वेश्चन के तौर पर पूछा गया था कि साइंस या रिलीजन में कौन बड़ा है, मैंने दोनों को अलग-अलग फील्ड कहा तो इंटरव्यूअर ने कहा कि साइंस लॉजिक पर आधारित है और रिलीजन आपके फेथ से जुड़ा है, आप किसे बड़ा मानती हैं?
नेहा कहती हैं कि यहां सवालों के जरिये आपके व्यक्तित्व को जांचा जाता है. मैंने भी बैलेंस जवाब देने की कोशिश की थी. मैंने इसके जवाब में कहा कि दोनों का अलग अलग रोल है, दोनों को मिक्स क्यों किया जाए. दोनों अलग अलग दिशाएं देती हैं. साइंस हमें अलग तरह से आगे ले जाता है और धर्म हमें अलग तरह से ताकत देता है. इस जवाब को पैनल ने पसंद किया था.