केविके में जल जीवन हरियाली दिवस का आयोजन


बिक्रमगंज/रोहतास (संवाददाता ):– कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज रोहतास के द्वारा जल जीवन हरियाली दिवस का आयोजन किया गया । चयनित ग्राम डेढगांव, सुरहुरिया, बभनी, परसा , मतूली से लगभग 60 किसानों ने अपनी भागीदारी देकर जल जीवन हरियाली कार्यक्रम को सफल बनाया । इस कार्यक्रम का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से कृषि मंत्री बिहार सरकार के अध्यक्षता में कृषि सचिव संयुक्त सचिव एवं सभी गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा बामेती पटना से किया गया । उद्घाटन सत्र के अवसर पर कृषि मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से बिहार के समस्त कृषि विज्ञान केंद्रों में जल जीवन हरियाली अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत जल जीवन हरियाली दिवस के अवसर पर संबोधित करते हुए बोले कि किसानों को अपने मिट्टी और पर्यावरण बचाने एवं उत्पादकता को बनाए रखने के लिए जल जीवन और हरियाली का महत्व देते हुए समय अनुसार अपने खेतों में वैज्ञानिकों के सहयोग से फसल लगाएं एवं जल और जीवन दोनों को बचाएं । इस अवसर पर कृषि मंत्री द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास को फसल अवशेष प्रबंधन पर प्रथम बार कार्य शुभारंभ करने एवं व्यापक स्तर पर 11 जिलों में बढ़ाने के लिए उत्प्रेरित करने हेतु वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आर के जलज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया । कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों के खेत से पराली को उठाकर कमफेड, आरा को ₹2 प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा गया था । इस आर्थिकी मॉडल को सम्मानित करने के लिए कृषि मंत्री ने प्रशस्ति पत्र दिया । यह रोहतास जिले के लिए बहुत ही गर्व की बात है की फसल अवशेष प्रबंधन हेतु अग्रिम कार्य किया और रोहतास मॉडल को पूरे बिहार लागू करने हेतु उत्प्रेरित किया । यह कार्य बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के माननीय कुलपति प्रसार शिक्षा निदेशक कृषि सचिव के संरक्षण एवं किसानों के सहयोग के द्वारा संभव हो सका है । कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास के वैज्ञानिक डॉ रामाकांत सिंह ने किसानों को जल जीवन हरियाली दिवस के अवसर पर किसानों को जल को बचाने मिट्टी का संरक्षण करने फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षित किया । तकनीकी सहायक वर्षा कुमारी ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए फसल अवशेष को ना जलाने एवं उत्पादकता बढ़ाने पर तकनीकी सलाह प्रदान किए साथ ही मूंग एवं ढांचा की खेती से संबंधित जानकारी प्रदान की । इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोगी अभिषेक कुमार, प्रवीण कुमार के साथ-साथ रावे के छात्र एवं कृषक उपस्थित रहे ।

