गलत पॉलिसी नंबर देने पर नहीं बच सकती बीमा कंपनी: झारखंड हाईकोर्ट ने दिया मुआवजा देने का आदेश…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:झारखंड हाईकोर्ट ने सड़क हादसे में दो लोगों की मौत के मामले में मुआवजा दिलाने को लेकर दायर याचिका पर एक अहम फैसला सुनाया है। जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने लीलमुनि मदैयन की याचिका पर सुनवाई करते हुए बीमा कंपनी की आपत्तियों को खारिज कर दिया और पीड़िता को मुआवजा देने का निर्देश दिया।


बीमा कंपनी की ओर से यह दलील दी गई थी कि दावेदारों ने गलत बीमा पॉलिसी नंबर पेश किया, इसलिए कंपनी पर भुगतान की जिम्मेदारी नहीं बनती। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि चार्जशीट में उचित धाराएं नहीं हैं, पोस्टमार्टम नहीं हुआ और ट्रिब्यूनल का आदेश गलत है।
लेकिन हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिर्फ गलत पॉलिसी नंबर देने के आधार पर बीमा कंपनी अपने दायित्व से मुक्त नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि यह अपेक्षित नहीं है कि दुर्घटना के शिकार पीड़ित परिवार को बीमा पॉलिसी का सटीक नंबर ज्ञात हो। उन्होंने जो भी जानकारी दी, वह अन्य स्रोतों से प्राप्त की गई थी और ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत की गई थी।
गौरतलब है कि लीलमुनि मदैयन के पति और पिता की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। याचिका में कहा गया कि ड्राइवर की तेज गति और लापरवाही के कारण यह दुर्घटना हुई, जिससे परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य भी नहीं रहा।
हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी की तमाम आपत्तियों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि तकनीकी कारणों का हवाला देकर बीमा कंपनी अपने उत्तरदायित्व से नहीं बच सकती। ऐसे मामलों में पीड़ित को न्याय और मुआवजा देना प्राथमिकता होनी चाहिए।
