भारत बंद 2024 का झारखंड में असर: आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में हो रहा व्यापक असर…

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झारखण्ड:–2024 में झारखंड में भारत बंद का बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के क्रीमी लेयर और वर्गीकरण के आधार पर आरक्षण से संबंधित आदेश के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए इस बंद का समर्थन राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने भी किया है। यह बंद केवल गैर राजनीतिक संगठनों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें वंचित जातियों और सत्तारूढ़ दलों का भी सहयोग देखने को मिला है।

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झारखंड में इस बंद का असर राज्यभर में व्यापक स्तर पर फैल रहा है। बंद के मद्देनज़र, राज्य के सभी जिलों में पुलिस बल को अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं कि वे किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। बंद समर्थकों द्वारा प्रमुख सड़कों पर यातायात को बाधित करने, दुकानें और बाज़ार बंद कराने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा, सरकारी और निजी संस्थानों में भी इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

इस बंद को राजनीतिक दलों के समर्थन से और भी अधिक ताकत मिली है। राज्य के सत्तारूढ़ दलों ने इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए बंद का समर्थन किया है, जिससे यह एक राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है। सत्तारूढ़ दलों के समर्थन के कारण बंद को और भी ज़्यादा समर्थन मिल रहा है और जनता के बीच इसका प्रभाव भी बढ़ा है।

इस बंद के समर्थन में राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां और प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। बंद समर्थक आरक्षण के मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती दे और वंचित जातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए।

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इसके साथ ही, राज्य में आम जनता में भी इस बंद के प्रति मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है। एक ओर जहां कुछ लोग इस बंद का समर्थन कर रहे हैं और आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इस बंद से होने वाली असुविधाओं को लेकर चिंतित हैं।

झारखंड में यह बंद केवल आरक्षण के मुद्दे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है। राज्य में आने वाले समय में इस बंद का असर और भी ज़्यादा गहरा हो सकता है, खासकर जब तक आरक्षण का मुद्दा हल नहीं हो जाता।

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