आदित्यपुर थाने में चल रही है हिटलरबाजी, मर्जी के खिलाफ खबर थानेदार आलोक दुबे को नहीं आती है रास, जाने पूरा मामला…लोक आलोक न्यूज के 5 पाँच सवाल थानेदार आलोक दुबे से ….
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आलोक दुबे, आदित्यपुर थाना प्रभारी
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आदित्यपुर :- आदित्यपुर थाने में हिटलर बाजी इस कदर बढ़ गई है की थाना प्रभारी अपने मनपसंद की खबरों और पत्रकारों को ही जानते है । बाकी पत्रकारों को पहचानने से भी इनकार करने में थानेदार आलोक दुबे देर नहीं करते। ताजा मामला यह है कि बीते दिन लोकल चैनल के एक पत्रकार के साथ बदसलूकी के मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था जो कि थानेदार आलोक दुबे को रास नहीं आई। और जैसे ही आदित्यपुर प्रेस के व्हाट्सप्प ग्रुप में खबर भेजा गया उसके तुरंत बाद खबर भेजने वाले पत्रकार को रिमूव कर दिया गया। इस मामले में जब पत्रकार ने जानना चाहा कि आखिर क्यों रिमूव किए? तो आलोक दुबे ने सीधे तौर पर पहचानने से इंकार कर दिया। लेकिन लोक आलोक न्यूज कुछ सवालों के जवाब थाना प्रभारी आलोक दुबे से जानना चाहता है , आशा है कि खुद को ईमानदार और साफ सुथरे छवि का बताने वाले आलोक दुबे इन सवालों का जवाब जरूर देंगे।
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सवाल न ० 1 :- क्या बिना जाने आपने ग्रुप में ऐड किया था ?
सवाल न ० 2 :- रिमूव करने का क्या कारण था ?
सवाल न ० 3 :- किसी भी ऑफिसियल ग्रुप से बिना सूचना के रिमूव करने का अधिकार कौन से कानून में है ?
सवाल न ० 4 :- प्रकाशित किए गए खबर में कोई तथ्य ऐसा था जो सच ना हो ? अगर हाँ तो स्पष्ट करें ।
सवाल न ० 5 :- क्या पत्रकार आपकी मर्जी के अनुसार खबर लिखें ? सच लिखना बंद कर दें ?
ये 5 सवाल ऐसे है जिसका जवाब थाना प्रभारी आलोक दुबे को जरूर बताना चाहिए। जिससे कि पत्रकार और पुलिस के बीच पारदर्शिता बना रहें और दोनों अपना काम स्वतंत्र रूप से कर सकें ।
हालांकि इस मामले में डीआईजी अजय लिंडा से भी बात की गई उनका भी कहना था कि कारण बताना जरूरी है , बिन कारण बताए रिमूव करना गलत है। हालांकि इस मामले में उन्होंने भी आश्वासन दिया और कहा कि अगर दिक्कत होती है तो लिखित शिकायत कर सकते है ।
पिछले कुछ महीनों में बढ़ा अपराध का ग्राफ
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में जिस तरह अपराधिक घटनाओ का पारा आदित्यपुर क्षेत्र में बढ़ा है थाना प्रभारी उस पर ध्यान देने के बजाय पत्रकारों को धमकाने का काम कर रहे है । बता दें कि आदित्यपुर थाना क्षेत्र में कई ऐसे अवैध कारोबार है जो कि थाने के नाक के नीचे से चलता है। नशा के मामले में भी आदित्यपुर सेंटर बनते जा रहा है । छोटे नशेड़ियों को पकड़ के अपना पीठ थपथपाने में पुलिस लगी हुई है जबकि बड़े कारोबारी आज भी धड़ल्ले से अपना काम करते है। इस सारी बातों को जानने के बावजूद थाना प्रभारी आलोक दुबे सीसीटीवी कैमरे पर नजर बस इसलिए रखते है कि कोई पत्रकार थाने का विडिओ न बना लें और कोई कही खबर न लिखें। वैसे उनके मर्जी से लिखे जाने वाले खबरों को बड़े चाव से पढ़ते है।
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