हिंदी विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है : अंकिता सिन्हा

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जमशेदपुर। हिंदी विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है जो हमारे पारंपरिक ज्ञान, प्राचीन सभ्यता आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतू भी है। एक भाषा के रुप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों संस्कृति संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। सहज और सरल भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवत सबसे वैज्ञानिक भाषा है। इसे दुनिया भर में समझने बोलने और चाहने वाले लोग बहुत ही बड़ी संख्या में मौजूद है। विश्व में हिंदी में अपनी अलग ही पहचान बना ली है जो काफी लोकप्रिय होते जा रही है। रूस, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों के लोग हिंदी भाषा सीखने और समझने का प्रयास कर रहे है।
आइए जाने हिंदी दिवस की विस्तृत जानकारी …
हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में यह निर्णय लिया गया कि हिंदी भारत सरकार की आधिकारिक भाषा होगी, क्योंकि भारत में अधिकांश क्षेत्रों में ज्यादातर हिंदी भाषा बोली जाती थी। इसलिए हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का निर्णय गया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिंदी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है। स्वतंत्र भारत में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रुप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्द दास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेंद्र सिंह ने अथक प्रयास किए, जिसके परिणाम स्वरुप हिंदी को पूरे भारतवर्ष में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। महात्मा गांधी ने वर्ष 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधीजी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। वर्ष 1949 में स्वतंत्र भारत की राष्ट्र भाषा के प्रश्न पर 14 सितंबर 1949 को काफी विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया की हो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343 (1) में इस प्रकार वर्णित है।
संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतरराष्ट्रीय रूप होगा। यह निर्णय 14 सितंबर को लिया गया। इसी दिन हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार व्योहार राजेंद्र सिंह का 50 वा जन्मदिन था। इस कारण हिंदी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था। हिंदी दिवस पर हिंदी निबंध लेखन, वाद विवाद विचार गोष्ठी काव्य गोष्ठी, कवि सम्मेलन, पुरस्कार समारोह और कई तरह की प्रतियोगिता का आयोजन होता है। वैसे तो 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस तो जरूर मनाते हैं लेकिन हिंदी देश की राजभाषा होने के बावजूद हर जगह अंग्रेजी का वर्चस्व कायम है। झारखंड सरकार ने अभी हाल में ही हिंदी को प्रतियोगी परीक्षाओं से हटा दिया है। यह बहुत गंभीर मुद्दा है और इसके लिए आंदोलन भी चल रहा है।

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