चुनाव के कारण टली सुनवाई….अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट सात मई को करेगा सुनवाई…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मंगलवार को सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा की यह मामला लंबा चलेगा तो हम अंतरिम जमानत पर विचार करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने की संभावना पर विचार करेगा. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने आज कहा कि वह अंतरिम जमानत याचिका पर मंगलवार (7 मई) को सुनवाई करेगी. कोर्ट ने जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय और अरविंद केजरीवाल के वकील को तैयार रहने को कहा.
अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट सात मई को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट चुनाव के चलते उनकी अतंरिम जमानत पर विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि, अगली सुनवाई में अंतरिम जमानत की शर्तों को भी बताया जाए. हमे अंतरिम जमानत देने या न देने पर अभी फैसला करना है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मंगलवार को सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा की यह मामला लंबा चलेगा तो हम अंतरिम जमानत पर विचार करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से दूसरे सवाल पर भी जवाब मांगा कि, क्या केजरीवाल जेल से ऑफिशियल फाइलें साइन कर सकते हैं? जस्टिस खन्ना ने ईडी से कहा, हम आज कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन हम पूछ सकते हैं, मंगलवार को तैयार रहें.
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख को दिल्ली की शराब नीति (जो कि अब खत्म हो चुकी है) में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. केजरीवाल निचली अदालतों से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे हैं. वह मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होने वाले आम आदमी पार्टी के तीसरे प्रमुख नेता हैं. राज्यसभा सांसद संजय सिंह जमानत पर छूट चुके हैं.
अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी ने आज कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है. उन्होंने कहा, केजरीवाल ने ईडी के नौ समन का जवाब दिया था. उन्होंने कहा कि पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता.
केजरीवाल की ओर से सिंघवी ने कहा कि, “जिन सबूतों के आधार पर मुझे गिरफ्तार किया गया है, वे सभी 2023 से पहले के हैं. हर सामग्री जुलाई 2023 की है. मनीष सिसोदिया के मामले में भी वही सबूत थे, मनी ट्रेल चार्ट भी वही था.”
अदालत ने पूछा कि क्या आम आदमी पार्टी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है? इसके जवाब में सिंघवी ने नहीं कहा कि, ”कंपनियों द्वारा किए गए अपराधों से संबंधित पीएमएलए की धारा 70 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “किसी राजनीतिक दल द्वारा किए गए कुछ भी या हर चीज के लिए उसके संयोजक या अध्यक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. किसी कंपनी का उल्लेख करने मात्र से एमडी की गिरफ्तारी नहीं हो सकती, जब तक कि आप कुछ दिखा न दें. आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ भी यही बात है.”
सिंघवी ने जवाब दिया, “वे कहते हैं कि ‘आप’ के पीछे उनका दिमाग है… वे रिश्वत की मांग में शामिल हैं. इसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है.”