टाटा-बादामपहाड़ पैसेंजर ट्रेन में लगी इलेक्ट्रिक इंजन, आदिम युग का हुआ अंत

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जमशेदपुर :- ग्रामीण क्षेत्र के रेल यात्रियों को कैसे सभी विभाग की ओर से उपेक्षित किया जाता है. इसका उदाहरण टाटा-बादामपहाड़ रेलखंड है. इस रेलखंड पर आजादी के पहले से ही डीजल इंजन से ही ट्रेनों का परिचालन होता था. बुधवार को इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होते ही रेलवे की ओर से इस रेलखंड पर बिजली से ट्रेनों का परिचालन शुरू करा दिया गया है. टाटा-बादामपहाड़ पैसेंजर ट्रेन को सुबह 6 बजे टाटानगर स्टेशन से रवाना किया गया. इसके पहले तक इस रेलखंड के यात्रियों को ट्रेन पर सवार होने के बाद लगता था कि वे आदिमयुग की जीवन व्यतीत कर रहे हैं. बुधवार को उनके दीनचर्या में भी बदलाव आ गया है.

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हर्षित थे रेलयात्री

टाटा-बादामपहाड़ रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन शुरू होते ही रेल यात्रियों के चेहरे बुधवार को खिल गये थे. उनका कहना था कि अब लग रहा है कि रेल का भी विकास गांवों में हो रहा है. बिजली से ट्रेनों का परिचालन शुरू करने के पहले मंगलवार की रात रेल अधिकारियों ने इलेक्ट्रिक इंजन पर सवार होकर ट्रॉयल लिया था. इसके बाद बुधवार को इस रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन शुरू कराया गया.

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