इन कारणों से दांतों में होने लगती है कैविटी की शिकायत, जानिए बचाव के असरदार तरीके



दांतों में कैविटी यानी सड़न की समस्या आजकल आम होती जा रही है, जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। यह समस्या न केवल दांतों को कमजोर करती है, बल्कि धीरे-धीरे तेज दर्द, सूजन और इंफेक्शन जैसी गंभीर समस्याओं को भी जन्म देती है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर ध्यान न देने पर दांतों की कैविटी रूट कैनाल या दांत निकालने तक की नौबत ला सकती है।
कैविटी होने के प्रमुख कारण:
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अत्यधिक मीठा सेवन: चॉकलेट, कैंडी, मिठाई और मीठे पेय पदार्थों का अधिक सेवन दांतों पर बैक्टीरिया की परत जमा करता है। ये बैक्टीरिया एसिड बनाते हैं, जिससे दांतों की सतह (एनामेल) घुलने लगती है।
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अस्वच्छ ओरल हाईजीन: दिन में दो बार ब्रश न करना, फ्लॉस न करना और मुंह की ठीक तरह से सफाई न करना दांतों में कीटाणुओं को बढ़ावा देता है।
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लगातार स्नैकिंग: बार-बार कुछ न कुछ खाते रहने से मुंह का pH बैलेंस बिगड़ता है, जिससे दांतों पर एसिड अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
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लार की कमी (Dry Mouth): लार दांतों को प्राकृतिक रूप से साफ रखने में मदद करती है। थूक की कमी से दांतों की सतह पर बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं।
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गलत ब्रशिंग तकनीक या पुराना ब्रश: ब्रश ठीक से न करना या घिसे हुए ब्रश का इस्तेमाल भी कैविटी का कारण बनता है।
कैविटी से बचने के उपाय:
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दिन में दो बार ब्रश करें – सुबह और रात को सोने से पहले फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से।
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डेली फ्लॉस करें – दांतों के बीच फंसे खाने के कणों को निकालने के लिए।
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मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करें – खासकर सोडा, कैंडी और चिपचिपे स्नैक्स से।
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नियमित डेंटल चेकअप कराएं – हर 6 महीने में डेंटिस्ट से जांच करवाएं।
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मुंह को हाइड्रेट रखें – खूब पानी पिएं ताकि लार की मात्रा बनी रहे।
घरेलू उपाय:
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सरसों का तेल और सेंधा नमक मिलाकर मालिश करें – इससे बैक्टीरिया कम होते हैं।
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नीम और बबूल की दातून का प्रयोग करें – इनमें नैचुरल एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
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लौंग का तेल – कैविटी वाले हिस्से पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
