Advertisements

जमशेदपुर: विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर थियेटर साधना द्वारा फणीश्वर नाथ रेणु की कहानीपर आधारित नाटक पंचलाइट का मंचन हुआ जिसमें लौहनगरी के युवा कलाकारों ने अपनीसशक्त भूमिका अदा की। शनिवार शाम सिदगोड़ा पानी टंकी के समीप नाटक को मुक्ताकाशीयमंच पर मंचित किया गया जिसका निर्देशन प्रेम शर्मा ने किया। नाटक शुरू होता है मुनरी और गोधन के दृश्य से जब दोनों सर्दी कि रात में गांववालो से छुप कर मिलते है, जब दूसरी बार गोधन मिलने जाता है तो मुनरी की जगह उसकी मांआ जाती है और गोधन पकड़ा जाता है और अगले दिन गांव वालो के साथ पांचों की मीटिंग बैठती है गोधन पर इल्जाम लगाया जाता है कि वो मुनरी से छुप छुप कर मिलता है औरउसके लिए गाना गाता है, गोधन अपना जुर्म इकबाल नहीं करता और मीटिंग को छोड़ कर चलजाता है इसके बाद उसे गांव में बैन कर दिया जाता है और गांव वाले रामनवमी का मेलाकि तैयारी में लग जाते है। गांव के लोगो पर जबरदस्ती जुर्माना ठोक कर पैसा वसूलाजाता है और पंचलाइट यानी पेट्रोमेक्स को पहली बार गांव में लाया जाता है जिसे लेनेसरपंच, दीवान और छड़ीदार जाते हैं। दिक्कत यहां से शुरू होती है कि पूरे गांव में पंचलाइट किसीको जलाने नहीं आता और सब सोच में पड़ जाते है फिर मुनरी कहती है हमार गोधन को आताहै पंचलाइट जलाने, अब गांव की इज्जत को बचाने के लिए सरपंच अम्मा को भेजते है गोधन के पास,वो आता है और कहता हैउसके जैसा मैकेनिक पूरे जिले में नहीं और पंचलाइट जला देता है सभी गांव वाले उसेगोद में उठा लेते है और गांव का हीरो बना देते है और उसकी सारी शर्तों को मान लियाजाता है। नाटक का आलोकन प्रदीप रजक ने किया है और मंच संचालन अंकुर  ने। मुख्य किरदार में पूजा और तारकेश्वर थे, इसके अलावासूत्रधार और सरपंच में अमन कुमार और विनय आनन्द, अन्य किरदार में सबा शेख़,प्रियांक ,अभिषेक , समीर और कुणाल थे तथा अतिथिके स्वरुप अखिलेश श्रीवास्तव, मो. निजाम, छवि दास, दर्शाना छतर,   राजेश, शोमनाथ, श्याम, एस एन सिंह, संतोष, आशुतोष कुमार  झा,  आनन्द एवं अन्य अतिथि मौजूद रहे.

Advertisements
Advertisements

You may have missed