इसे समझो ना रेशम का डोर भइया, मेरे राखी का मतलब है प्यार भइया,,,,,,भाइयों के कलाई पर 22 को बहने बांधेगी रक्षासूत्र,गलियों में गूंजने लगी राखी के गीत,खरीददारी को ले युवतियों व बच्चों में दिख रहा उत्साह

Advertisements
Advertisements

सासाराम (दुर्गेश किशोर तिवारी ) :- इसे समझो ना रेशम का डोर भइया, मेरे राखी का मतलब है प्यार भइया,,, जैसे चंदा और किरण का जैसे बद्री और पवन का ये राखी बंधन है ऐसा,,,,,,,,,,मेरे बहना ये राखी का लाज तेरा भईया निभायेगा,तुझे दिल से कभी न भुलायेगा,,,,,,,यह विभिन्न हिंदी फिल्मों के गीत शहर से लेकर गांव गलियों में गुजंती है तब हर भाई की आंखों में आंसू छलक आता है और खुशियों से झूम उठता है।यह प्रत्येक वर्ष सावन पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्यौहार आता है। इस साल भी भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक यह पर्व सावन के आखिरी दिन रविबार 22 अगस्त को है। वैसे तो रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक है। हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है।

Advertisements
Advertisements

इस बार भी 22 अगस्त रविबार को मनाया जायेगा।हालांकि पिछले वर्ष भाई बहन के प्रेम का त्योहार फीका नजर आया था।क्योंकि कोरोनकाल में संक्रमण का काली साया ने अपना चहुओर कहर बरफा रखा तथा तथा दहशगर्दी का माहौल कायम हो गया था।हालात बेकाबू होत जहां सूबे के सुशासन की सरकार ने संपूर्ण बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगाया था,वही संक्रमितों की तदाद निरंतर बढ़ने तथा संक्रमित ब्यक्तियों के दम तोड़े जाने से रेड जोन रोहतास के कई हिस्से को जिला प्रशासन ने कंटेंमेंट जोन घोषित कर दिया।जिससे दुकाने बंद हो गई है वही सड़को पर वाहनों व आवागमन के चहलकदमी की रफ्तार धीमी सी पड़ गया।फिर भी भाइयों के कलाई पर बहनों द्वारा बांधे जाने वाले रक्षासूत्र को लेकर जिले के प्रमुख बाजारो में राखी मिठाई की दुकानें आंशिक तौर पर खुली नजर आई तथा खरीददारों की भीड में भी काफी इजाफा रहा।जबकि कंटेंमेंट जोन घोषित होने के उपरांत भी बाजारो में आंशिक रूप से सजे राखी की दुकानों पर अंतिम दिन कोरोना संक्रमण से बेख़ौफ़ व बेपरवाह बहनों ने राखी की  खरीददारी करते दिखी थी।बीते वर्ष भाई बहन के प्रेम का त्यौहार कही फीकी न पड़ जाय कंटेंमेंट जोन में सजी राखी की दुकानों को पुलिस प्रशासन के लोगो ने अपनी खुली आंखों से सबकुछ देखने के बाद भी मौन रहना मुनासिब समझ लिया।लेकिन इस बार का माहौल सबकुछ बदला बदला सा दिख रहा है।कोरोना के तीसरी लहर की आशंका कम दिखने व अनलॉक हो जाने से इस बार उत्साह चरम पर है।रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की लंबी आयु और बेहतर स्वास्थ्य के लिए उसकी कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है तथा यह कामना करती हैं कि उसके भाई के जीवन में कभी कोई कष्ट न हो, वह उन्नति करें और उसका जीवन सुखमय हो. वहीं भाई भी इस रक्षा सूत्र को बंधवाकर गौरवांवित अनुभव करते हैं और जीवन भर अपनी बहन की रक्षा करने की कसम खाते है।

वैसे राखी बांधने की परंपरा केवल बहन ही भाई को नही राखी बांधती है बल्कि अन्य लोगो के अलावा मंदिरों में भी बहने रक्षा सूत्र बंधती है।फिलहाल रक्षा बंधन का त्योहार में अब कुछ ही समय शेष रह गया है। जिसे शुभमुहूर्त में राखी बांधने को ले बहनों में तेजी से बेकरारी व खुशी का माहौल चर्मोत्कर्ष पर बढ़ता जा रहा है। खासकर युवती व नन्हे मुन्हे बच्चे उत्साह से लवरेज होते जा रहे है। एक से बढ़कर एक रंग बिरंगे राखियों से जिले के सभी छोटे बड़े प्रमुख बाजार भी आकर्षक तरीके से सजधज कर तैयार दिखने लगा है जहां खरीददारों की भीड़ उमड़ते नजर आ रही है।वही प्रदेश में रह रहे भाइयो की कलाई कही सुनी न रह जाय बहने भरतीय डाक के अलावा विभिन्न कोरियरो के जरिये रक्षासूत्र भेज रही है।

You may have missed