आज मनाया जाता है मधुमेह दिवस (डायबिटीज डे), जानिए क्या है इसका इतिहास…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:- डायबिटीज के मरीज दुनिया में बढ़ते जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनियाभर में हर साल डायबिटीज से करीब 40 लाख मरीजों की मौत होती है। इसलिए वैश्विक स्तर पर लोगों को मधुमेह (डायबिटीज) के बारे में जागरूक करने, इसके उपचार, निदान, देखभाल के बारें में लोगों को बताने के लिए हर वर्ष 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है।
शरीर में इंसुलिन का बैलेंस बिगड़ने से डायबिटीज की बीमारी होती है। इस हेल्थ प्रॉब्लम को शुगर या मधुमेह भी कहा जाता है। इंसुलिन के सह-खोजकर्ता डॉ. फ्रेड्रिक बैंटिंग के जन्मदिन को विश्व मधुमेह दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है। इस वजह से वर्ल्ड डायबिटीज डे हर साल 14 नवंबर को मनाते हैं।
विश्व डायबिटीज दिवस का इतिहास
वर्ल्ड डायबिटीज डे पहली बार साल 1991 में मनाया गया था। इसकी घोषणा अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation – WHO) ने की थी।
विश्व डायबिटीज दिवस 2023 की थीम
हर साल मधुमेह दिवस की एक खास थीम होती है। इस साल डायबिटीज दिवस 2023 की थीम ‘एक्सेस टू डायबिटीज केयर’ (Access To Diabetes Care) है। इसका अर्थ डायबिटीज के मरीजों की देखभाल पर ध्यान से है।
भले ही 1991 में डायबिटीज डे को वैश्विक स्तर पर मनाने का फैसला लिया गया लेकिन पहला डायबिटीज का मरीज दशकों पहले पाया गया। 1550 बी सी में पहला डायबिटीज का मरीज इजिप्ट में मिला था। इजिप्ट में पहली बार इस बीमारी के रूप में पहचान मिली।
विश्व डायबिटीज दिवस का महत्त्व
दुनिया भर में प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए WHO ने एक नई पहल शुरू की है जिसका उद्देश्य है कि मधुमेह से पीड़ित सभी लोगों की सही समय पर उचित उपचार और सही कीमतों पर एक जैसा इलाज, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण उपचार और देखभाल तक पहुंच हो।
14 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं डायबिटीज डे
1992 में सर फ्रेडरिक बैंटिंग ने चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की। सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन 14 नवंबर को मनाया जाता है। ऐसे में इंसुलिन की खोज की उपलब्धि के लिए सर फ्रेडरिक बैंटिंग को याद रखने के लिए उनके जन्मदिन के मौके पर डायबिटीज दिवस मनाया जाने लगा।