आखरी सोमवारी पर उमड़े श्रद्धालु
सावन की अंतिम सोमवारी पर झारखंड के रामगढ़ जिले के रजरप्पा मंदिर से सिद्धेश्वर धाम तक कांवर यात्रा निकाली गयी. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु रजरप्पा मंदिर पहुंचे. जहां दामोदर-भैरवी संगम स्थल से जल उठा कर रजरप्पा स्थित 20 फीट के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया.
श्रद्धालु जल लेकर क्षेत्र के विभिन्न शिव मंदिरों के लिए रवाना हुए. इस दौरान कांवरियों का जत्था रजरप्पा से नाचते, झूमते व गाते हुए शिवालय मंदिरों में पहुंच कर जलाभिषेक किया. जानकारी के अनुसार रात्रि दो बजे के बाद से ही रामगढ़, चितरपुर, बड़कागांव, कोठार, छत्तर, गोला, मायल, मारंगमरचा सहित दर्जनों गांवों से लगभग 35-40 हजार से अधिक भक्त रजरप्पा मंदिर पहुंचे थे.
इसके बाद यहां से लगभग 30 किमी पैदल यात्रा कर शिवालय मंदिरों में जलाभिषेक किया. गौरतलब हो कि प्रतिवर्ष सावन के अंतिम सोमवारी पर रजरप्पा से भव्य कांवर यात्रा का आयोजन किया जाता है. जिसमें एक लाख से अधिक कांवरियां शामिल होते हैं, लेकिन कोरोना के कारण वर्ष 2020 में कांवर यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था. इसके बावजूद इस वर्ष श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा.
जानकारी के अनुसार इस वर्ष किसी भी संस्था द्वारा कांवर यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था. इसके बावजूद विभिन्न क्षेत्रों से एक-एक कर लोग पहुंचते गये और भक्तों का कारवां बनता गया. भक्त डीजे में भक्ति गीतों पर नाचते-झूमते रहे. साथ ही बोल बम…, हर हर महादेव…, बाबा नगरिया दूर है, जाना जरूर है सहित जयकारे लगाते रहे. जिससे पूरा रामगढ़-रजरप्पा पथ जयकारों से गूंजायमान रहा
बताते चलें कि कोरोना संक्रमण को लेकर रजरप्पा मंदिर बंद है. इसके बावजूद हजारों शिवभक्त रजरप्पा मंदिर पहुंच गये. भक्तों ने भैरवी नदी से जल उठा कर मंदिर के बाहर से पूजा-अर्चना कर कांवर यात्रा की शुरुआत की. भक्तों की भीड़ इतनी अधिक थी कि कोरोना पर आस्था भारी दिखा. कांवर यात्रा के दौरान अधिकतर श्रद्धालु मास्क नहीं लगाये थे.
अंतिम सोमवारी पर रजरप्पा कोयलांचल क्षेत्र में चहुंओर शिवमय वातावरण बना रहा. सभी शिवालयों में सुबह से लेकर शाम तक शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया. महिलाओं ने सोमवारी व्रत कर चितरपुर, बड़कीपोना, रजरप्पा प्रोजेक्ट, मारंगमरचा सहित सभी गांव के शिवालयों में भगवान शिव की आराधना की. वहीं भक्तों ने शिवालयों में रुद्राभिषेक अनुष्ठान किया. सभी सड़कों पर शिव भक्तों की भीड़ लगी रही.