एक्सएलआरआइ में कंसल्टिंग कॉन्क्लेव फुलक्रम 2023 का हुआ समापन

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जमशेदपुर: एक्सएलआरआइ जमशेदपुर में कंसल्टिंग कॉन्क्लेव फुलक्रम 2023 का आयोजन किया गया. कौटिल्य कंसल्टिंग क्लब एवं पीजीडीएम (जीएम) बैच 2023-24 द्वारा आयोजत इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न कंसल्टिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. फुलक्रम 2023 में सीमित संसाधन में बेहतर प्रदर्शन करने पर अलग-अलग पैनलिस्टों ने इंडस्ट्री 5.0, जेनरेटिव एआई और अन्य उभरती अवधारणाओं पर अपनी बातों को रखा. कार्यक्रम की शुरुआत डीन एडमिनिस्ट्रेशन फादर डोनाल्ड व डीन एकेडमिक प्रो. संजय पात्रो ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान फादर डोनाल्ड डिसिल्वा ने उद्घाटन भाषण देते हुए अनिश्चितताओं से बचने और टिकाऊ प्रक्रियाओं को स्थापित करने में कुशल संसाधन प्रबंधन और डेटा संचालित निर्णय लेने की प्रासंगिकता पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने फुलक्रम 2023 के आयोजन समिति में शामिल सदस्यों की सराहना की.

उद्योगों के विस्तार में स्टार्टअप का भी है अहम योगदान

कॉन्क्लेव की शुरुआत कोर्न फेरी (भारत) के अध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक नवनीत सिंह के मुख्य भाषण से हुई. उन्होंने
कहा कि आज मानव संसाधन सबसे सीमित लेकिन सबसे मूल्यवान संसाधन बने हुए हैं. इस दौर में इनोवेशन के साथ ही मूलभूत कौशल के साथ ही आपसी सहयोग की भावना से ही सफलता हासिल की जा सकती है. कहा कि सफलता को केवल परिणामों के बजाय प्रक्रिया में निवेश किए गए प्रयास से मापा जाता है. इस दौरान “इंडिया @100″ पर ईवाई पार्थेनन के पार्टनर आदित्य शांगलू ने भारत की प्रगति, विशिष्ट समस्याओं के समाधान और जटिल उद्योगों में विस्तार में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व पर प्रकाश डाला. कहा कि उद्योगों के विस्तार में स्टार्टअप का अहम योगदान है.

सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए समय-समय पर बिजनेस स्ट्रेटेजी में हो बदलाव

कॉन्क्लेव में एक पैनल डिस्कशन का भी आयोजन किया गया. इंडस्ट्री 5.0 : ट्रांसफॉर्मिंग फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ एंड चेंज इन बिजनेस इंडस्ट्री थीम पर आयोजित इस पैनल डिस्कशन का संचालन प्रोफेसर सुनील कुमार सारंगी ने किया. चर्चा में सबसे पहले इंफोसिस कंसल्टिंग के पार्टनर इंदर दुआ ने उद्योग 5.0 पर फार्मास्युटिकल क्षेत्र के प्रभाव को रेखांकित किया, स्थिरता पर बल दिया. कहा कि भविष्य के उपभोक्ता अमूर्त पहलुओं को प्राथमिकता देते हैं, मानव-मशीन सहयोग और बड़े पैमाने पर अनुकूलन के युग की शुरुआत करते हैं. अवसेंट के पार्टनर राकेश पात्रो ने कहा कि उद्योग 5.0 मानव-केंद्रितता, स्थिरता और व्यवधानों के सामने लचीलेपन के इर्द-गिर्द घूमता है, जो उद्योग 4.0 के प्रौद्योगिकी-संचालित चरण से बदलाव का प्रतीक है. जबकि निर्णय लेने का विकास मनुष्यों के संपन्न होने के साथ होता है. भावना रुगमनी रामनाथन और ऋषिकेश जीआर ने पहले भाग की सह-मेजबानी की और आशीष सैमुअल ने जबकि महक सिंह ने कार्यक्रम के दूसरे भाग की सह-मेजबानी की.


इंसान को टेक्नोलॉजी रिप्लेस नहीं कर सकता है, टेक्नोलॉजी को होना होगा मैन्चोर

कार्यक्रम के तीसरे सत्र में जेनरेटिव एआई: द फ्यूचर ऑफ बिजनेस एंड’ विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया. संचालन प्रोफेसर गुरुनाथन एल ने किया. इस दौरान मर्सर के भारत में अध्यक्ष अरविंद लड्ढ़ा ने भविष्य में टेक्नोलॉजी की प्रगति के साथ अपस्किलिंग के महत्व पर अपनी बातों को रखा. कहा कि टेक्नोलॉजी कभी भी इंसान के माइंड को रिप्लेस नहीं कर सकता है. ऐसा करने से पूर्व टेक्नोलॉजी को और अधिक परिपक्व होना पड़ेगा.

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