परत दर परत खुलने लगी है Covid 19 महामारी से जुडी कई साजिशो की गुथी, संयुक्त राष्ट्र ने पीटर दासज़क को बर्खास्त किया,

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 COVID साजिश का खुलासा 

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विशेष (संवादाता विनय आनन्द):  पिछले 100 वर्षो में पुरे विश्व में सबसे ज्यादा बड़ी घातक महामारी के रूप में लोगो की जिन्दगी में दाखिल कोरोना महामारी (कोविड-19) ने संक्रमण के साथ कई सवालो को भी जन्म दिया है.  कोरोना महामारी (कोविड-19) से जुडी कई सवालो के परत दर परत अब पूरी दुनिया में उजागर हो ने लगी है.

एक हिंसक महामारी, जिसने मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार किया है, उसकी उत्पत्ति नहीं प्राकृतिक है? पूरे एक साल के बाद साजिश का पर्दाफाश होता हुआ दिख रहा है. न्यूयॉर्क स्थित शोध संगठन, इकोहेल्थ एलायंस के अध्यक्ष पीटर दासज़क को दिसंबर 2020 की शुरुआत में लैंसेट की टास्क फोर्स के अध्यक्ष के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, जिसका उद्देश्य कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करना था. यह काफी दिलचस्प है कि दासज़क ने 2014 और 2019 के बीच चमगादड़ के अन्दर पाये जाने वाले कोरोना वायरस का अध्ययन करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) से वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को 3.4 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया था. अब, पीटर दासज़क को संयुक्त राष्ट्र समर्थित लैंसेट आयोग से हटा दिया गया है. SARS-COV-2 की उत्पत्ति संशोधन करने के लिए इस आयोग का निर्माण किया गया था .

आयोग के द्वारा 22 जून को अपनी वेबसाइट पर इस जानकारी की घोषणा की गई थी. लैंसेट ने एक बयान में कहा, “लैंसेट COVID-19 आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट से पहले SARS-CoV-2 वायरस की उत्पत्ति की सावधानीपूर्वक जांच करेगा, भविष्य में उभरती संक्रामक बीमारी के प्रकोप को रोकने और रोकने के लिए नीतियों की सिफारिश करने के ओवरराइडिंग उद्देश्य के साथ. आयोग का तकनीकी कार्य स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया जाएगा जो स्वयं अमेरिका-चीन अनुसंधान गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे जो जांच के दायरे में हैं. डॉ पीटर दासज़क ने वायरस की उत्पत्ति पर आयोग के काम से खुद को अलग कर लिया है.”

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वैसे आम धारणा के अनुसार यह डॉ पीटर दासज़क को बचाने का एक चतुर तरीका था, उनके हितों के बजाय उनके स्पष्ट संघर्ष के कारण और शायद यहां तक ​​​​कि उनका दोष भी जो हाल ही में सामने आया था. दासज़क ने चीन के साथ खुले वित्तीय संबंध साझा किए हैं और यू.एस. संघीय निधियों को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान की है, इस प्रकार अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका को दुनिया में नरसंहार करने के लिए चीन के अपराध में भागीदार बना रहा है. संयुक्त राष्ट्र समर्थित लैंसेट आयोग से पीटर दासज़क को हटाना एक शुरुआत है,  अभी इस कांड की कई परतें अछूती हैं, क्या यह वायरस लैब में विकसित किया गया था ? क्या यह महामारी नियोजित था? आने वाले हफ्तों में कई सवालों के परदे उठेगी.

 

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