जमशेदपुर में झारखंड सरकार की नागरिक सेवाएँ ध्वस्त :- सरयू राय

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जमशेदपुर:- जमशेदपुर में झारखंड सरकार की नागरिक सेवाएँ ध्वस्त हो गई हैं. इसका प्रतिकुल प्रभाव टाटा स्टील युआईएसएल पर भी हो रहा है. इसकी व्यवस्था भी पहले से खराब हो रही है.

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सबसे खराब हालत सफाई व्यवस्था की है. घर घर से कचरा इकट्ठा करने की डोर टू डोर व्यवस्था नकारा हो गई है. नालियों से निकला कचरा हप्तों तक सड़क पर पड़ा रहता है. सफाई ठेकेदारों के मजदूर कहीं नजर नहीं आते. सैकड़ों गरीबों के घर पूर्वी जमशेदपुर में हैं जिनके पास शौचालय सुविधा नहीं है. आज सुबह ऐसी ही एक बस्ती का दौरा बारीडीह में किया. इसके खिलाफ आगामी 8 सितंबर को उपायुक्त के कार्यालय पर धरना दिया जाएगा.

डेंगू और वायरल बुखार ने महामारी का रूप ले लिया है. टीएमएच और एमजीएम के वार्ड ऐसे मरीजों से भरे पड़े हैं. वर्तमान से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. प्रशासन अस्पतालों में स्पेशल वार्ड बनवाए. वर्तमान स्थिति में हर मरीज को चिकित्सा का अधिकार मिले. यह नहीं होना चाहिए कि अस्पताल किसी को भी इस आधार पर भर्ती लेने से इंकार करें कि बेड नहीं है.

डेंगू के कारण रक्त अधिकोषों पर भार बढ़ा है. आज सबसे अधिक जरूरत रक्त की है. हमलोगों ने आगामी 25 सितंबर को रक्तदान शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि रक्तदान के माध्यम से रक्त की कमी दूर की जा सके.

पेयजल की आपूर्ति व्यवस्था मोहरदा और टाटा लीज क्षेत्र दोनों में संतोषजनक नहीं है. साफ पेयजल आपूर्ति पर लोगों के बीच शंका पैदा हो रही है. विजया गार्डेन जैसे पॉश इलाकों में भी पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है. नगरपालिका सेवाओं की कुव्यवस्था इसके लिए जिम्मेदार है.

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बिजली आपूर्ति की कुव्यवस्था के बारे मे तो जितना कहा जाए उतना कम है. झारखंड सरकार हजारों करोड़ सरकारी खजाना से बिजली कंपनियों पर सालाना खर्च कर रही है. पर तेनुघाट बिजली निगम की दो इंकारों में से एक हमेशा खराब रहती है. कुछ दिन से दोनों खराब हैं. रविवार के पहले ठीक होना मुश्किल है.

जमशेदपुर में खेल के मैदान घटते जा रहे हैं. या तो इनका अतिक्रमण हो जा रहा है या इनपर कंपनी पार्क बना दे रही है. मैदानों में खेल-कूद की बहुआयामी संरचनाएँ खड़ा करना तथा पुरानी संरचनाओं को दुरुस्त करना जरूरी है.

कानून व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. नशा उन्मूलन का कार्य केवल कागज पर दिखता है. छिनतई की घटनाएँ बढ़ते जा रही है. विभिन्न इलाकों मे छिनतई के शिकार परिवारों से बात करने के बाद मेरी धारणा बनी है कि जमशेदपुर में छिनतई का संगठित कारोबार चल रहा है. इस गिरोह के सरगना की जानकारी अधीनस्थ पुलिस तंत्र को है. पर इस पर लगाम लगाने में इनकी रुचि नहीं है.

आगामी 8 सितंबर के धरना कार्यक्रम के बाद हम नगरपालिका तंत्र पर जन दबाव बनाएँगे. जमशेदपुर अक्षेस से उनकी व्यवस्था, उनका मानव बल, उनकी कार्य योजना, इनके द्वारा अनियमितताएं रोकने में विफलता के कारण, नगरपालिका कानून के अनुसार जमशेदपुर शहर नहीं चलने का कारण, सरकार से नगरपालिका सेवाओं के मद में मिलने वाली वित्तीय सहायता पर्याप्त है या नहीं आदि का कारण जानेंगे तथा जनता का हक सुनिश्चित करने के लिए सीधी लड़ाई लड़ेंगे.
ह०/-
सरयू राय

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