लॉन्च के बाद ही खत्म हो लॉन्च के बाद ही खत्म हो जाता Chandrayaan-3, अगर ये काम न करते इसरो साइंटिस्ट Chandrayaan-3, अगर ये काम न करते इसरो साइंटिस्ट…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:-दुर्घटना से देर भली… अगर इसरो वैज्ञानिकों ने थोड़ी सी देर न की होती. तो चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाता. वो भी लॉन्चिंग के कुछ समय बाद ही. यह खुलासा इसरो की एक नई रिपोर्ट में हुआ है. आइए जानते हैं कि कैसे इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 मिशन को न सिर्फ बचाया बल्कि उसे सफल बनाया.

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Chandrayaan-3 चंद्रमा पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो गया होता अगर ISRO के साइंटिस्ट उसकी दिशा और गति नहीं बदलते. भारत का सबसे सफल मून मिशन 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. यह मिशन चंद्रमा पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाता, अगर इसरो इसकी लॉन्चिंग को चार सेकेंड लेट नहीं करता तो.

किसी भी सैटेलाइट या स्पेस्क्राफ्ट को लॉन्च करने से पहले इसरो वैज्ञानिक कोलिज़न एवॉयडेंस एनालिसिस (COLA) करते हैं. ताकि लॉन्चिंग के बाद अपने तय स्थान तक पहुंचने से पहले स्पेसक्राफ्ट या सैटेलाइट किसी अन्य उपग्रह या अंतरिक्ष के कचरे से न टकराए. इसलिए चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग चार सेकेंड की देरी की गई थी.

सिर्फ चंद्रयान-3 ही नहीं, बल्कि PSLV-C55/TeLEOS-2 की लॉन्चिंग भी 22 अप्रैल 2023 को एक मिनट की देरी से की गई थी. इसके अलावा 30 जुलाई 2023 को PSLV-C56/DS-SAR की लॉन्चिंग में भी एक मिनट की देरी की गई थी. ताकि इन दोनों रॉकेट्स और सैटेलाइट के सामने आने वाले अंतरिक्ष के कचरे और अन्य उपग्रहों की टक्कर से बचा जा सके।

 

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