आज से नहाय-खाय के साथ शुरू हुई आस्था का महापर्व चैती छठ, कद्दू भात खा कर व्रती ने की सुख-शांति की कामना

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पर्व/त्यौहार :-  आज नहाय-खाय के साथ चैती छठ पूजा की शुरुआत हो गई है और 08 अप्रैल, शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छत व्रती व्रत तोड़ेंगे. आज छठ व्रती स्नान कर पूजा पाठ करते हुए कद्दू भात का प्रसाद खाकर पूजा की शुरुआत करेंगे. कल यानि छह अप्रैल को पूरे दिन उपवास के बाद शाम में खीर और रोटी से खरना का पूजा किया जायेगा. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हुए छठ व्रती शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे और अगले दिन सुबह यानि 8 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह व्रत पूरा हो जाएगा.

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार त्योहार ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है एक चैत्र माह और दूसरा कार्तिक मास में. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संतान की कामना और घर-परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य, सुख, खुशहाली की कामना करने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत उत्तम माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, छठी मैय्या को भगवान सूर्य की बहन माना जाता है. मान्यता है कि छठ महापर्व में छठी मैय्या व भगवान सूर्य की पूजा करने से छठी मैय्या अत्यंत प्रसन्न होती हैं. इस व्रत के पुण्य के प्रभाव से घर में सुख-शांति व खुशहाली आती है.

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