एसडीओ धालभूम के आदेश से कदमा गणेश पूजा मैदान में धारा-144 लागू, 28 जुलाई से अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा,
जमशेदपुर :- अनुमण्डल दण्डाधिकारी, धालभूम संदीप कुमार मीणा द्वारा जारी आदेश के आलोक में कदमा गणेश पूजा मैदान में 28.07.2022 के पूर्वाह्न से अगले आदेश तक धारा-144 दं.प्र.सं के अन्तर्गत सामान्य निषेधाज्ञा लागू किया गया है। उन्होने अपने आदेश में कहा है कि कदमा गणेश पूजा मैदान में स्व. सुनील महतो, पूर्व सांसद के स्मारक निर्माण को लेकर विभिन्न राजनैतिक दलों एवं संगठनों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न होती रही है। शांति भंग होने की सम्भावना को देखते हुए निषेधाज्ञा आदेश लागू किया गया था। अत: माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय, रांची के आदेश के अनुपालन हेतु एवं लोक शांति भंग होने की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए संतुष्ट होकर मैं संदीप कुमार मीणा, भा.प्र.से, अनुमण्डल दण्डाधिकारी, धालभूम, जमशेदपुर कदमा गणेश पूजा मैदान के खाता संख्या-85, प्लॉट सं0-1866 अंश, वार्ड नं0-3, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के रकवा-20×20 भाग पर, जिसकी चैहद्दी-उत्तर-कम्पनी की खाली जमीन, रोड और H6 क्वार्टर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम में कम्पनी की खाली जमीन पर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 दं.प्र.सं. के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्न प्रकार से निषेधाज्ञा आदेश प्रख्यापित करता हूं-
(1) किसी प्रकार का हिंसक जुलूस, धरना या प्रदर्शन, घेराव, रोड जाम करना, पुतला दहन आदि करना निषेध होगा।
(2) किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र या लाठी-डण्डे, तीर-धनुष, गड़ासा-भाला आदि लेकर रोड पर निकलना या चलना निषेध रहेगा।
(3) उक्त स्थल पर प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, चिकित्साकर्मी तथा मीडियाकर्मियों पर यह आदेश लागू नहीं होगा।
(4) बिना अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करना निषेध होगा।
(5) कोई भी राजनीतिक दल बिना पूर्वानुमति के कोई सभा/जुलूस नहीं निकालेंगे।
(6) उपद्रव अथवा शांति भंग करने के उद्वेश्य से पांच या पांच से अधिक व्यक्ति उक्त स्थल पर एक साथ जमा नहीं होंगे।
यह आदेश दिनांक-28.07.2022 के पूर्वाह्न से अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। लेकिन यह आदेश कार्यावधि के दौरान पांच या इससे अधिक सरकारी या गैर-सरकारी सेवकों, बारात पार्टी, शव यात्रा, पूजा अर्चना की नियत से एकत्रित व्यक्तियों, धार्मिक जुलूस पर लागू नहीं होगा। सिख एवं नेपाली समुदाय के लिए धार्मिक रीति-रिवाज के अनुरुप कृपाण एवं खुखरी रखकर चलने पर उनके विरुद्ध प्रभावी नहीं होगा।