मुसाबनी के सामाजिक कार्यकर्ताओं के सामुहिक प्रयास से तमिलनाडु में बंधुआ हुए मजदूर मुक्त हुए, किया गया स्वागत

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मुसाबनी (संवाददाता ):-मुसाबनी के बदिया, बलियागोड़ा एवं नामो लेपो कोचा के मजदूर अनिल सोरेन, सतीश बोदरा, जाटेया बोदरा 1, जाटेया बोदरा 2, गणेश नायक, चरण मार्डी, रामदास माझी एवं दाखिन मुर्मू रोजगार की तलाश में तमिलनाडु गए थे। एक स्थानीय एजेंट के द्वारा इन्हें ले जाया गया था। तमिलनाडु के नमक्कल जिला के अत्थानुर स्थित बालाजी रबर इन्डस्ट्रीज में सैकड़ों मजदूरों के साथ ये भी काम करने लगे। 3 माह बीत जाने के पश्चात भी इन्हें मजदूरी भुगतान नहीं की गई। सिर्फ़ खाना खिलाकर जबरन काम कराया जा रहा था। घर आने भी नहीं दिया जा रहा था। किसी तरह इनके परिजनों ने मुसाबनी के सामाजिक कार्यकर्ता पिथो मुर्मू, 20 सूत्री अध्यक्ष प्रधान सोरेन एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष हिमांशु मिश्र को पूरी आपबीती सुनाई। स्थानीय प्रशासन एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के ट्वीट के सहयोग से उपायुक्त, श्रम विभाग हरकत में आए और उपरोक्त मजदूरों के रिहाई का रास्ता साफ हुआ।आज अपने मुसाबनी पहुंचने पर हिमांशु मिश्र, प्रधान सोरेन एवं पिथो मुर्मू द्वारा माला पहनाकर स्वागत किया गया।

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